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US vs Iran : ईरान के पक्षकार बने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख, अमेरिका से प्रतिबंध हटाने के लिए किया आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरान का पक्ष रखते हुए अमेरिका द्वारा उस पर लगे सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने 2015 में किए गए एक समझौते का हवाला देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से ये अपील की है।

By Amit KumarEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 04:14 PM (IST)
US vs Iran : ईरान के पक्षकार बने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख, अमेरिका से प्रतिबंध हटाने के लिए किया आग्रह
अमेरिका से प्रतिबंध हटाने के लिए किया आग्रह। फाइल फोटो।

न्यूयॉर्क,रॉयटर्स: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरान का पक्ष रखते हुए, अमेरिका द्वारा उस पर लगे सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने 2015 में किए गए एक समझौते का हवाला देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से ये अपील की है। 2015 में तेहरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के उद्देश्य से एक समझौत किया गया था।

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संबंध विस्तार करने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में गुटेरेस ने अमेरिका से ईरान के साथ तेल में व्यापार के संबंध में छूट का विस्तार करने और परमाणु परियोजनाओं के लिए छूट को नए सिरे से तैयार करने का आग्रह किया है। वहीं, मंगलवार को 15 सदस्यीय परिषद ईरान, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस और चीन के बीच परमाणु समझौते को सुनिश्चित करने वाले 2015 के प्रस्ताव को अमल में लाने पर महासचिव की द्विवार्षिक रिपोर्ट पर चर्चा करेगी।

ट्रम्प ने समझौता से किया था किनारा

वाशिंगटन से गुटेरेस की अपील उस समझौते को फिर से पुनर्जीवित करने काम करेगी, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना यानी ज्वाइंट कामप्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्सन कहा जाता है। इस समझौते के तहत ईरान ने कई विदेशी प्रतिबंधों को हटाने के बदले में, अपने परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध स्वीकार किया था। परंतू साल 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने समझौते से किनारा करते हुए, ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे। नतीजन तेहरान ने 2019 में कुछ परमाणु सीमाओं का उल्लंघन भी किया था।

ईरान ने कहा, वो सिर्फ सिविलियन न्यूक्लियर पावर चाहता है

गौरतलब है कि, ईरान ने समझौते के नियमों के खिलाफ यूरेनियम का खन्न कर उसे लगभग 60 फीसद तक प्यूरीफाई किया, जो की समझौते के 3.67 फीसद की शर्त से बहुत ज्यादा है। साथ ही परमाणु बम कोर के लिए उपयुक्त 90 फीसद के बहुत करीब है। हलांकि, इस मामले में ईरान का कहना है की वो सिर्फ सिविलियन न्यूक्लियर पावर चाहता है। साथ ही वो अपने द्वारा किए गए कामों को वापस भी ले सकता है। अगर अमेरिका उसपर लगे प्रतिबंध हटा दे और 2015 के समझौते पर वापस आ जाए। गुटेरेस ने अपने एक बयान में कहा कि, उनके अनुसार समझौते की पूर्ण रूप से बहाली यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा।


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