UN ने अफगानिस्तान को लेकर जताई चिंता, कहा-सब करें मदद, नहीं तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
गुटेरेस ने चेताते हुए कहा कि अफगानिस्तान एक धागे से लटक रहा है क्योंकि एक ओर भीषण सर्दी के बीच देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और दूसरी ओर आधे से ज्यादा नागरिक भूख से तड़प रहे हैं।

न्यूयार्क, एएनआइ। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर आज संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव ने चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने बुधवार को कहा कि दुनिया अब अपने लोगों और समग्र वैश्विक सुरक्षा के लिए अफगानिस्तान को अकेला नहीं छोड़ सकती। गुटेरेस ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि इस समय वैश्विक समुदाय को अफगानिस्तान को आगे बढ़ाने की जरूरत है और उन्होंने परिषद को इसमें मदद करने का भी आह्वान किया।
गुटेरेस ने चेताते हुए कहा कि 'अफगानिस्तान एक धागे से लटक रहा है' क्योंकि एक ओर भीषण सर्दी के बीच देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और दूसरी ओर आधे से ज्यादा नागरिक भूख से तड़प रहे हैं और कुछ परिवारों को अपने बच्चों को बेचने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है ताकि वे भोजन खरीद सकें।
दुनिया को चुकानी पड़ सकती है भारी कीमत
गुटेरेस ने कहा कि अफगानिस्तान बहुत लंबे समय से आतंकवादी समूहों के लिए एक उपजाऊ स्थल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम कार्रवाई नहीं करते हैं और इस तूफान से निपटने में अफगानों की मदद नहीं करते हैं, तो क्षेत्र और दुनिया को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने वास्तविक अधिकारियों से आतंकवाद के खतरे को दबाने के लिए वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास जीते तालिबान
संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि गुटेरेस ने तालिबान से अनुरोध किया है कि वे अफगानों के लिए अवसर और सुरक्षा का माहौल पैदा करे और मानवाधिकारों को बनाए रखे ताकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास उसके प्रति बढ़े।
महिलाओं को सुरक्षा दे तालिबान
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक बार फिर लड़कियां कार्यालयों और कक्षाओं से बाहर हो गई हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियां न तो काम कर पा रही हैं और न ही पढ़ाई कर पा रही हैं। उन्होंने हाल ही में गिरफ्तार या अपहरण की गई महिला कार्यकर्ताओं की रिहाई की भी अपील की। उन्होंने तालिबान को इसके लिए कदम उठाने के लिए भी कहा।
Edited By Mahen Khanna