Refugee Day : शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने किया मदद का आग्रह
हर साल 20 जून को रिफ्यूजी डे मनाया जाता है। पिछले एक साल में 1 करोड़ लोग अपने स्थानों को छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस (Antonio Guterres) ने विश्व शरणार्थी दिवस के अवसर पर शरणार्थियों और उनके समुदायों के लिए समर्थन का आग्रह किया है। पूरी दुनिया में 8 करोड़ महिलाएं, बच्च और पुरुष को शरणार्थी के तौर पर अपना जीवन बिता रहे हैं। बता दें कि हर साल 20 जून को रिफ्यूजी डे मनाया जाता है। इनमें से पिछले एक साल में 1 करोड़ लोग अपने स्थानों को छोड़ने के कारण शरणार्थी बने हैं।
शिन्हुआ न्यूज के मुताबिक, एंटोनियो ने कहा, "विश्व शरणार्थी दिवस पर, हम इन भयावह संख्याओं को चलाने वाले संघर्ष और उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करने की प्रतिज्ञा करते हैं। आज, हम मेजबान समुदायों और देशों की उदारता और मानवता को भी पहचानते हैं जो अक्सर अपने स्वयं के आर्थिक और सुरक्षा चिंताओं से जूझते हैं। हम इन देशों को हमारे धन्यवाद, हमारे समर्थन और हमारे निवेश का श्रेय देते हैं।"
गुतेरस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शरणार्थी सुरक्षा की अखंडता को फिर से स्थापित करने के लिए काम करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी सुरक्षा व्यवस्था की अखंडता को फिर से स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने की आवश्यकता है, ताकि शरणार्थियों को उनकी जरूरत का समर्थन प्राप्त हो।
उन्होंने आगे कहा कि इस साल, COVID-19 महामारी शरणार्थियों और विस्थापित लोगों के लिए एक अतिरिक्त खतरा बन गई है। उन्होंने बताया, "बांग्लादेश के शिविरों से लेकर यूरोप के अस्पतालों तक में शरणार्थी नर्स, डॉक्टर, वैज्ञानिक और शिक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं। विश्व शरणार्थी दिवस पर, हम अपने स्वयं के जीवन के पुनर्निर्माण के लिए, और अपने आस-पास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनकी संसाधनशीलता और दृढ़ संकल्प के लिए शरणार्थियों का धन्यवाद करते हैं।"
गुतेरस ने देशों से कहा कि वे शरणार्थियों के साथ एकता और एकजुटता के साथ खड़े हों और युद्ध एवं उत्पीड़न के कारण विस्थापित हो रहे लोगों को शरण देने के अपने मौलिक दायित्व को पहचानें।