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हागिया सोफिया को लेकर तुर्की और ग्रीस में तनातनी, एर्दोगन बोले- विरोध करने वाले मुस्लिम विरोधी

इस्तांबुल में हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलकर वहां धार्मिक गतिविधियां शुरू किए जाने से तुर्की और ग्रीस में ठन गई है। दोनों ने एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 12:04 AM (IST)
हागिया सोफिया को लेकर तुर्की और ग्रीस में तनातनी, एर्दोगन बोले- विरोध करने वाले मुस्लिम विरोधी
हागिया सोफिया को लेकर तुर्की और ग्रीस में तनातनी, एर्दोगन बोले- विरोध करने वाले मुस्लिम विरोधी

इस्तांबुल, रायटर। इस्तांबुल में हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलकर वहां धार्मिक गतिविधियां शुरू किए जाने से तुर्की और ग्रीस में ठन गई है। दोनों ने इस मसले पर एक-दूसरे को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। ग्रीस ने कहा है कि 21 वीं सदी में तुर्की में हुई घोर राष्ट्रवादी और धार्मिक इस घटना से पूरी दुनिया अवाक रह गई है। शुक्रवार को हागिया सोफिया में बीते 90 सालों में पहली बार नमाज अदा की गई जिसमें तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने भी हिस्सा लिया।

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तुर्की ने समझौतों को तोड़ने का लगाया आरोप

वहां पर उन्होंने इस स्थान को वापस मस्जिद बनाए जाने की अपनी इच्छा का इजहार करते हुए कहा, जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में तुर्की और वहां के लोगों के विरोधी हैं जबकि ग्रीस ने कहा है कि तुर्की ने हागिया सोफिया की स्थिति को बदलकर उन दसियों समझौतों को तोड़ा है जो उसने किए थे। हागिया सोफिया वह संग्रहालय था, जहां ऑर्थोडॉक्स ईसाई धर्म को मानने वाले ग्रीक धार्मिक भावनाओं से वशीभूत होकर जाते थे।

विरोध करने वाले मुस्लिम विरोधी

टेलीविजन पर दिए संदेश में एर्दोगन ने कहा, जो देश इस समय शोर मचा रहे हैं, उनका मसला हागिया सोफिया नहीं है बल्कि वे तुर्की और क्षेत्र के मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले तुर्की के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि ग्रीस ने एक बार फिर से इस्लाम और तुर्की के प्रति दुश्मनी का इजहार किया है। वह हागिया सोफिया को नमाज के लिए खोले जाने का विरोध कर अपनी असली भावनाएं व्यक्त कर रहा है।

चर्च प्रमुखों ने जताई चिंता

मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मसले पर ग्रीस सरकार और वहां के सांसदों के बयानों की निंदा की, तुर्की के झंडे को जलाए जाने को कायराना हरकत बताया। बता दें‍ कि अत्यंत महत्वपूर्ण प्रधान गिरिजाघर रही इस्तांबुल में छठी सदी की इमारत हागिया सोफिया को फिर से मस्जिद बना दिया गया है। करीब 86 वर्षों तक म्यूजियम रहने के बाद इमारत में शुक्रवार को पहली बार नमाज पढ़ी गई। तुर्की के इस कदम पर चर्च प्रमुखों और यूनान, अमेरिका समेत कुछ देशों ने चिंता जताई है।

यूनान और अमेरिका में शोक

इस बीच ऐतिहासिक स्थल को मस्जिद में बदले जाने से यूनान, अमेरिका और ईसाई चर्चो में निराशा फैल गई और सभी ने तुर्की की आलोचना की है। यूनान और अमेरिका में कट्टरपंथी चर्च नेता उद्घाटन नमाज को लेकर एक दिन का शोक मना रहे हैं। एर्दोगन से इस इमारत को संग्रहालय बनाए रखने की अपील की गई थी। सभी ने इसे इस्तांबुल का बहु धार्मिक विरासत और ईसाई एवं मुस्लिम एकता का प्रतीक बनाए रखने को कहा था।

क्या है हागिया सोफिया

यूनानी साम्राज्य के शासक जस्टिनिआन द्वारा सन 537 में निर्मित हागिया सोफिया को सन 1453 में इस्तांबुल युद्ध के बाद मस्जिद में बदल दिया गया था। धर्मनिरपेक्ष तुर्की गणराज्य के संस्थापक नेता मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने 1934 में इस ढांचे को म्यूजियम में बदल दिया। हागिया सोफिया के सुल्तान पवेलियन को 1990 से नमाज के लिए खोल दिया गया था, लेकिन तुर्की में धार्मिक और राष्ट्रवादी समूह लंबे समय से करीब 1500 साल पुरानी इस इमारत को मस्जिद में बदलने की मांग कर रहे थे। ये लोग इस इमारत को विजेता तुर्की सुल्तान महमत की विरासत मानते हैं।


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