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अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर तुलसी ने की सरकार में शामिल नेताओं की आलोचना, जानें- क्‍या कहा

पूर्व डेमोक्रेटिक सांसद तुलसी गेबार्ड का कहना है कि अमेरिका ने 9/11 का हमला करने वालों को सजा देने के लिए अफगानिस्‍तान में कदम रखा था और अपनी सेना भेजी थी। लेकिन बाद में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही इसको भूल गए।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 12:41 PM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 12:41 PM (IST)
अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर तुलसी ने की सरकार में शामिल नेताओं की आलोचना, जानें- क्‍या कहा
भारतीय मूल की पूर्व अमेरिकी डेमोक्रेट सांसद हैं तुलसी

वाशिंगटन (एएनआई)। भारतीय मूल की पूर्व अमेरिकी सांसद तुलसी गेबार्ड ने अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर मौजूदा सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। उन्‍होंने जो बाइडन सरकार के वरिष्‍ठ नेताओं की भी इस मुद्दे पर कड़ी आलोचना की है। उन्‍होंने कहा कि ये नहीं जानते हैं कि अफगानिस्‍तान में अमेरिका का मिशन क्‍या था। उन्‍होंने ये बयान अफगानिस्‍तान में दो दशक तक चली अमेरिकी सेना की कार्रवाई से संबंधित एक सवाल के जवाब में दिया है।

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उनका कहना था कि अफगानिस्‍तान में अमेरिका का ये मिशन उस वक्‍त शुरू हुआ था जब अफगानिस्‍तान में मौजूद अलकायदा और दूसरे जिहादी गुटों ने मिलकर अमेरिका में 9/11 के हमले को अंजाम दिया था। इन आतंकी संगठनों के खात्‍मे के लिए अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में अपनी स्‍पेशल फोर्स भेजी थी। अमेरिका ने अलकायदा को खत्‍म करने में पूरी सफलता हासिल की।

तुलसी का कहना था कि अफगानिस्‍तान में अलकायदा को हराकर क्‍या गलत हुआ। उनका कहना था कि अमेरिका के लीडर अपने अफगानिस्‍तान मिशन को नजरअंदाज कर सरकार को बदलने में जुट गए। बता दें कि तुलसी गेबार्ड पूर्व डेमोक्रेटिक सांसद हैं।

गेबार्ड ने कहा कि अमेरिका को पूरी दुनिया के लिए एक पुलिस के तौर पर नहीं खड़ा होना चाहिए। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा कि ये हमारे स्‍वभाव में शामिल है कि हम दूसरों की मदद को आगे रहते हैं। हम दूसरों की सुरक्षा के लिए खुद को आगे रखते हैं। ये भले ही एक कड़वी सच्‍चाई है लेकिन ये सच है कि हमें दुनिया की पुलिस के तौर पर खुद को शामिल नहीं होने देना चाहिए।

गेबार्ड ने इस मौके पर उन अमेरिकी जवानों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्‍यक्‍त की जो काबुल पर हुए हमले में मारे गए थे। ज्‍वाइंट चीफ आफ स्‍टाफ जनरल मार्क माइले ने कहा कि अफगानिस्‍तान में दो दशक तक अमेरिका की मौजूदगी उसकी नाकामी को दर्शाती है। आपको बता दें कि दोहा समझौते के तहत अमेरिका ने अपने सभी जवानों को अफगानिस्‍तान से बाहर निकाल लिया है। 30 अगस्‍त को अमेरिका के अंतिम विमान ये यहां के अपनी आखिरी उड़ान भरी थी।


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