ट्रंप करेंगे जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों की संख्या में कमी, योजना पर किए हस्ताक्षर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जर्मनी से 9500 सैनिकों को हटाने वाली योजना पर हस्ताक्षर कर दिए है। जर्मनी में इस समय 34500 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।
वाशिंगटन, एएफपी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम करने जा रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने सैनिकों को हटाने वाली योजना को मंजूरी दे दी है। सोमवार को रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने ट्रंप के सामने ये योजना पेश की थी, उसके बाद उन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए।
हस्ताक्षर हो जाने के बाद अब जर्मनी से 9500 अमेरिकी सैनिकों को वहां से हटाया जाएगा। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने कहा है कि सैनिकों को जर्मनी से कब हटाया जाएगा, इस बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया गया है, मगर इनकी संख्या कम जरूर की जाएगी। फिलहाल जर्मनी में इस समय 34 हजार 500 अमेरिकी सैनिक तैनात है जिनकी संख्या घटाकर 25 हजार की जानी है।
उधर, अमेरिकी सत्ताधारी रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सीनेटरों ने जर्मनी से सैनिक हटाने की ट्रंप के प्रयासों को सीमित करने के लिए प्रयास शुरू किए हैं। इन 6 सांसदों में रिपब्लिकन लिंडसे ग्राहम और मार्को रूबियो जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
उन्होंने 2021 के लिए राष्ट्रीय रक्षा खर्च अधिनियम में एक संशोधन पेश किया, जो जर्मनी से सैनिक हटाने के लिए निश्चित फंड को सीमित करेगा। उनकी कोशिश है कि इस फंड को तभी मंजूरी मिले, जब अमेरिकी रक्षा मंत्री यह स्पष्टीकरण दे दें कि सैनिकों को हटाने से "अमेरिकी सुरक्षा और सहयोगियों" के लिए कोई खतरा पैदा नहीं होगा।
रूस को संदेश
पेंटागन के प्रवक्ता हॉफमैन ने कहा है कि इस बारे में आने वाले हफ्तों में नाटो सहयोगियों से बात की जाएगी। पेंटागन के अधिकारियों का कहना है कि अगर जर्मनी से सैनिक हटाए जाते हैं तो उनमें से कुछ भूतपूर्व पूर्वी ब्लॉक के देशों में भेजे जा सकते हैं। इनमें कुछ स्थायी रूप से तो कुछ थोड़े समय के लिए वहां जा सकते हैं। इसके जरिए रूस को संदेश देने की कोशिश हो सकती है।
पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डुडा ने पिछले हफ्ते ही अमेरिका का दौरा किया है। ट्रंप ने कहा कि कुछ सैनिक पोलैंड भेजे जा सकते हैं, उनके मुताबिक, "कुछ सैनिक घर लौटेंगे और कुछ अन्य जगहों पर जाएंगे। पोलैंड उन जगहों में से एक होगा।" अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही जर्मनी और अमेरिका के रिश्ते सहज नहीं रहे हैं।
हाल में ट्रंप ने जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को निमंत्रण भेजा लेकिन मैर्केल ने कोरोना महामारी की वजह से सम्मलेन में शामिल होने से इंकार कर दिया। इसके लगभग दो हफ्तों बाद ट्रंप ने शिकायती लहजे में कहा कि जर्मनी अपनी सुरक्षा पर पर्याप्त रकम खर्च नहीं कर रहा है और व्यापार के मोर्चे पर अमेरिका के साथ "खराब बर्ताव" कर रहा है।
ट्रंप ने कहा कि हम उनके साथ बात कर रहे हैं लेकिन जो डील वे हमारे साथ करना चाहते हैं, मैं अभी उससे संतुष्ट नहीं हूं। उनकी वजह से अमेरिका ने हाल के सालों में व्यापार के मोर्चे पर सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान उठाया है तो हमें व्यापार में भी नुकसान पहुंचाया गया है और नाटो के विषय पर भी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह अमेरिका पर बड़ा बोझ है इसलिए हम सैनिकों की संख्या कम कर रहे हैं हम संख्या को घटाकर 25 हजार पर ला रहे हैं।