टल सकती है जी-7 की अहम बैठक, राष्ट्रपति चुनाव के बाद समूह की मेजबानी के इच्छुक हैं ट्रंप
उन्होंने कहा कि वह इस बैठक में रूस को भी आमंत्रित करना चाहते हैं। बता दें कि रूस को जी-7 से बाहर कर दिया गया है। पहले रूस जी-7 का हिस्सा था।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बाद सात प्रमुख औद्योगिक समूह (जी-7) की मेजबानी करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि 'मेरी इच्छा है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद जी-7 की बैठक को आयोजित किया जाए।' उन्होंने कहा कि वह इस बैठक में रूस को भी आमंत्रित करना चाहते हैं। बता दें कि रूस को जी-7 से बाहर कर दिया गया है। पहले रूस जी-7 का हिस्सा था। राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा हम पहले इस बैठक को सितंबर में करने जा रहे थे। ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण बैठक व्यक्ति या टेलीकांफ्रेंस के माध्यम से हो सकती है।
दुनिया की सात सबसे बड़ी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का आर्थिक संगठन
बैठक में रूसी राष्ट्रपति को आमंत्रित करने पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि हमने कई लोगों को बैठक में आमंत्रित किया है। मैं निश्चित रूप से पुतिन को बैठक में आमंत्रित करूंगा। मुझे लगता है कि वह एक महत्वपूर्ण कारक हैं। ट्रंप ने आगे कहा कि वह कुछ खास लोगों को आमंत्रित करेंगे, जो जी -7 का हिस्सा नहीं हैं। ट्रंप ने कहा कि कुछ लोग पहले ही यह आमंत्रण स्वीकार कर चुके हैं। बता देंं कि जी-7 अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान सहित दुनिया की सात सबसे बड़ी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी आर्थिक संगठन है। यूरोपीय संघ के 27 राष्ट्र भी इसमें शामिल हैं, जो बैठक में भाग लेते हैं। रूस को वर्ष 2014 में यूक्रेन और क्रीमिया पर आक्रमण के कारण उसे जी -8 से निलंबित कर दिया गया था।
मई में भारत समेत अन्य देशों को मिला न्योता
गौरतलब है कि इस वर्ष मई में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सितंबर तक जी-7 शिखर सम्मेलन को स्थगित करने और भारत, रूस, आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने का फैसला किया था, ताकि 11 अन्य शक्तिशाली राष्ट्रों के बीच बीच चीन के भविष्य को लेकर रोडमैप तैयार करने की योजना पर चर्चा की जा सके। बयान में कहा गया था कि वह सितंबर तक इसे स्थगित कर रहे हैं और रूस, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया और भारत को आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं। उस वक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि जी-7 के रूप में यह ठीक से दशार्ता है कि दुनिया में क्या चल रहा है। यह देशों का एक बहुत पुराना पड़ गया समूह बनकर रह गया है।