फिर भिड़े ट्रंप समर्थक और नस्लभेद विरोध प्रदर्शनकारी, पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार
मई में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में नस्लभेद विरोधी प्रदर्शनों का दौर जारी है। पोर्टलैंड में पिछले 100 दिनों से धरना और प्रदर्शन चल रहे हैं।
ओरेगन, एजेंसियां। सोमवार को एक बार फिर ट्रंप समर्थक और ब्लैक लाइव्स मैटर से जुड़े कार्यकर्ता भिड़ गए। इस दौरान ना केवल दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर मिर्च स्प्रे डाला बल्कि ट्रंप समर्थक एक व्यक्ति ने दूसरे समूह के व्यक्ति को पीट दिया। पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि मई में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में नस्लभेद विरोधी प्रदर्शनों का दौर जारी है। पोर्टलैंड में पिछले 100 दिनों से धरना और प्रदर्शन चल रहे हैं।
100 से ज्यादा ट्रंप समर्थक कई वाहनों से सोमवार दोपहर ओरेगन प्रांत की राजधानी पोर्टलैंड की सरकारी बिल्डिंग पर पहुंचे थे। ये लोग ट्रंप-2020 की तख्तियां और अमेरिकी झंडे लिए थे। कुछ लोगों के हाथों में हथियार भी थे। कुछ देर नारेबाजी करने के बाद इनकी भिड़ंत 20 से ज्यादा ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनकारियों से हो गई। इस दौरान दोनों समूहों ने ना केवल एक-दूसरे पर मिर्च स्प्रे किया बल्कि एक ट्रंप समर्थक ने ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनकारी को बेसबॉल बैट से पीट दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान दो दर्जन प्रांतीय पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई बीच-बचाव नहीं किया। हालांकि जब ट्रंप समर्थक नस्लभेद विरोधी प्रदर्शनकारियों को ज्यादा पीटने लगे तो पुलिस ने दो श्वेत प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि ट्रंप तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कानून-व्यवस्था को प्रमुख मुद्दा बना रहे हैं। उनका आरोप है कि पोर्टलैंड में स्थानीय प्रशासन डेमोक्रेटिक पार्टी के हाथों में हैं, इसलिए वहां अराजकता की स्थिति है। उधर, डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन का कहना है कि ट्रंप की बयानबाजी हिंसा को हवा दे रही है।
अमेरिका में नस्लभेदी विरोध प्रदर्शन पहली बार नहीं हो रहे हैं। इस तरह के प्रदर्शन वहां बीते कई सालों से हो रहे हैं। अमेरिका में गोरे काले का भेद बहुत पुराना है। मई के बाद से ही पुलिस और काले लोगों के बीच अब तक कई बार झड़पें भी हो चुकी हैं मगर उसके बाद भी यहां पर प्रदर्शन का सिलसिला थम नहीं रहा है। नवंबर में होने वाले चुनाव में ये भी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।