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मजाक में ट्रंप ने कही थी वायरस टेस्टिंग को धीमा करने की बात, नवार्रो ने दी सफाई

वायरस टेस्टिंग को धीमा करने वाले ट्रंप के विवादित बयान पर व्हाइट हाउस के एडवाइजर ने दी कहा कि उन्होंने यह मजाक में कहा था इसे लेकर वे गंभीर नहीं हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 10:00 AM (IST)
मजाक में ट्रंप ने कही थी वायरस टेस्टिंग को धीमा करने की बात,  नवार्रो ने दी सफाई
मजाक में ट्रंप ने कही थी वायरस टेस्टिंग को धीमा करने की बात, नवार्रो ने दी सफाई

वाशिंगटन, एपी। ओकलाहोमा में शनिवार को चुनावी रैली के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 टेस्टिंग की प्रक्रिया की रफ्तार को धीमी करने की बात कही जिसके बाद विवाद शुरू हो गया।  इसपर व्हाइट हाउस (White House) के  ट्रेड एडवाइजर पीटर नवार्रो (Peter Navarro) ने बताया  कि ट्रंप ने यह बयान व्यंग्यात्मक लहजे में दिया था। 

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CNN की स्टेट ऑफ द यूनियन ने रविवार को नवार्रो ने बताया कि ट्रंप ने यह बयान मजाक के मूड में दिया था। टुल्सा में रविवार को हुए रैली के दौरान ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे थे। ऐसे में 2.5 करोड़ लोगों का टेस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि जब आप ज्यादा परीक्षण करेंगे, तो आपको ज्यादा मामले मिलेंगे। टेस्टिंग की प्रक्रिया दोधारी तलवार की तरह है। इस वजह से मैंने परीक्षण को धीमा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने बगैर चीन का नाम लिए कहा कि मैं इसे 'कुंग फ्लू' नाम भी दे सकता हूं।

कोविड-19 के बीच अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टुल्सा में पहली रैली की। उन्होंने इस महामारी के लिए टेस्टिंग प्रक्रिया को लेकर कई टिप्पणियां भी की। हाल में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में हो रही कोविड-19 टेस्टिंग की तुलना भारत, चीन समेत दूसरे देशों से की थी। उन्होंने कहा था कि भारत और चीन जैसे देश अगर ज्यादा संख्या में जांच करें तो उनके यहां अमेरिका की तुलना में कोरोना वायरस के अधिक मामले होंगे। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में हो रही कोरोना टेस्टिंग की तुलना भारत, चीन समेत दूसरे देशों से की है।  ट्रंप ने कहा है कि भारत और चीन जैसे देशों में अगर जांच की जाए तो यहां अमेरिका की तुलना में अधिक मामले होंगे।  जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के अनुसार, अमेरिका में 2 करोड़ 50 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। देश में अब तक 22 लाख संक्रमित मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं संक्रमण से मरने वालों की संख्या एक  लाख 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।


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