ट्रंप ने कहा- टेस्टिंग कोई समस्या नहीं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच संदेह बरकरार
ट्रंप ने कहा वायरस की जांच में कोई मुश्किल नहीं है लेकिन अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच टेस्टिंग प्रक्रिया की गति को लेकर संदेह है।
वाशिंगटन, एपी। महामारी के कारण अमेरिका की चरमराई अर्थव्यवस्था संभालने के लिए जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश को दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं वहीं यहां के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट के बीच कोविड-19 टेस्टिंग को लेकर संदेह बरकरार है। यहां के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट की ओर से भी यहां के जांच की प्रक्रिया पर असंतुष्टि जताई गई थी।
व्हाइट हाउस की ओर से योजना बनाई गई है जिसके तहत अब देश में लागू प्रतिबंधों में ढील की शुरुआत की जाएगी। इस क्रम में टेस्टिंग की प्रक्रिया में तेजी आ रही है वहीं राष्ट्रपति का फोकस धराशायी हुए अर्थव्यवस्था की ओर है। दरअसल, अमेरिका में कोरोना वायरस के लिए की जा रही टेस्टिंग की प्रक्रिया की स्पीड व राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से देश को दोबारा खोले जाने के लिए दिए जा रहे संकेत की आलोचना की जा रही है। इसके जवाब में व्हाइट हाउस ने सोमवार को नया दिशानिर्देश जारी किया।
राज्यों द्वारा आने वाले कुछ सप्ताह के भीतर जांच की प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से प्रशासन ने ब्लूप्रिंट जारी किया। रोज गार्डेन में ट्रंप ने कहा, ‘टेस्टिंग कोई समस्या नहीं है।’ हालांकि प्रशासन द्वारा पहले किए गए वादे और टार्गेट में काफी अंतर देखा गया। आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ जेरेमी कोनिंडिक (Jeremy Konyndyk) ने बताया कि आवश्यकता की तुलना में टेस्टिंग प्लान काफी कम है। बता दें कि कोनिंडिक ने ही ओबामा प्रशासन के दौरान आई इबोला महामारी के समय रेस्पॉन्स टीम का नेतृत्व किया था। हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने जो आंकड़ा दिया उसके अनुसार देश को कम से कम हर दिन 500,000 लोगों के टेस्ट की जरूरत है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने उम्मीद जताई कि घातक वायरस के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा 60,000 से 70,000 तक खत्म हो जानी चाहिए। बता दें कि अमेरिका में इस संक्रमण के कारण मरने वालों का आंकड़ा 56,000 के करीब पहुंच गया है।