अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत, चीन और रूस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- नहीं रखते वायु गुणवत्ता का ध्यान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत चीन और रूस अपनी वायु गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते हैं जबकि अमेरिका ऐसा करता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत, चीन और रूस अपनी वायु गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते, जबकि अमेरिका रखता है। इसी कारण उन्होंने 'एकतरफा' और 'ऊर्जा बर्बाद करने वाला' पेरिस जलवायु समझौते से बाहर आने का फैसला किया था, वरना यह अमेरिका को गैर-प्रतिस्पर्धी देश बना देता।
टेक्सास में ऊर्जा पर अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा, 'दंडात्मक प्रतिबंधों को लागू कर अमेरिका के कट्टर वामपंथी और सनकी डेमोक्रेट्स बेहिसाब नौकरियों, फैक्टि्रयों, उद्योगों को प्रदूषण फैलाने वाले चीन व दूसरे देशों में भेज देते।' पेरिस जयवायु समझौते से अमेरिका पहले ही बाहर आ चुका है, लेकिन इसकी औपचारिकता चार नवंबर, 2020 को पूरी होगी।
राष्ट्रपति के रहते अमेरिका को रखूंगा आगे: ट्रंप
बकौल ट्रंप, वे चाहते हैं कि हम अपनी वायु गुणवत्ता का ख्याल रखें, लेकिन चीन ऐसा नहीं करता। भारत और रूस का भी यही हाल है। जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, हम हमेशा अमेरिका को आगे रखेंगे। यह सामान्य-सी बात है।
दिसंबर 2018 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में सर्वाधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों में चीन (27 फीसद) पहले, अमेरिका (15 फीसद) दूसरे, यूरोपियन यूनियन (10 फीसद) तीसरे और भारत (सात फीसद) चौथे स्थान पर है। ये चारों मिलकर दुनिया का 58 फीसद कार्बन उत्सर्जन करते हैं।
70 साल बाद पहली बार अमेरिका ऊर्जा निर्यातक बना: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'लंबे समय से हमने दूसरे देशों को तरजीह दी, अब पहले अमेरिका के बारे में सोचेंगे। जैसा कि हमने अमेरिका के महानगरों-शहरों में देखा है, कट्टर डेमोक्रेट्स सिर्फ टेक्सास के तेल उद्योग को नहीं, पूरे देश को ही बर्बाद करने पर तुले हैं। ऐसे कट्टर डेमोक्रेट किसी भी रूप में देशप्रेमी नहीं है।' ट्रंप ने कहा, '70 साल बाद पहली बार हम ऊर्जा निर्यातक बने हैं। अब हम दुनिया में तेल एवं प्राकृतिक गैस के सबसे बड़े उत्पादक हैं। हम भविष्य में भी अपनी बढ़त बनाए रखेंगे।'