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ट्रंप ने कहा- सु्प्रीम कोर्ट के लिए 'एमी हैं राइट च्वाइस'

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति को लेकर हंगामा मच गया है। एक ओर रिपब्लिकन चाहती है कि यह नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द हो वहीं डेमोक्रेट्स चुनाव के बाद इस नियुक्ति की प्रक्रिया को संपन्न करना चाहते हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 09:34 AM (IST)
ट्रंप ने कहा- सु्प्रीम कोर्ट के लिए 'एमी हैं राइट च्वाइस'
सु्प्रीम कोर्ट के लिए 'एमी हैं राइट च्वाइस'

वाशिंगटन, एपी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने कहा है कि  पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन के खिलाफ जाने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट उम्मीदवार के लिए नामित एमी कोनी बैरेट (Amy Coney Barrett) के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं।  अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज रूथ बादर गिंसबर्ग का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की वो दूसरी महिला जज थीं।

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बता दें कि अमेरिका में  जजों की नियुक्ति लाइफटाइम के लिए होती है।  ट्रंप की ओर से इस नाम के पेशकश पर डेमोक्रेट की ओर से कड़ी आपत्ति जताई जा रही है। डेमोक्रेट के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा है कि इस पद के लिए नामांकन 3 नवंबर के चुनावों के विजेता द्वारा किए जाने की जरूरत है। 

एमी दिवंगत जज जस्टिस रूथ बादेर गिन्सबर्ग का स्थान लेंगी। एमी को जज बनाने के लिए ट्रम्प को अब सीनेट की मंजूरी देनी होगी। तकनीकि रूप से यह मुश्किल नहीं होगा क्योंकि वहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी और उसके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव में कुछ ही हफ्ते बाकी हैं। ऐसे में नए जज की नियुक्ति नई सरकार को ही करनी चाहिए।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त यदि इनकी राय 4-4 में विभाजित हो जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है और जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा।  सामान्य तौर पर अमेरिका में चुनाव के साल में जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति नहीं होती है लेकिन इस बार ट्रंप ने इस परंपरा को खत्म कर इतिहास बदल दिया है। ऐसा ही चार साल पहले हुआ था। उस वक्त बराक ओबामा राष्ट्रपति थे और उन्होंने एक जज की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया था जिसे रिपब्लिकन्स ने संविधान के खिलाफ कहा था। अब वही हो रहा है। 


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