अफगानिस्तान से सेना की वापसी की अटकलों को ट्रंप ने किया खारिज, वार्ता जारी
उन्होंने जोर देकर कहा कि तालिबान के साथ हमारी सकारात्मक वार्ता चल रही है अब देखिए आगे क्या होता है।
By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 02:19 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 02:19 PM (IST)
वाशिंगटन, एजेंसी । अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी की अटकलों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी सेना को पूरी तरह से वापस नहीं लिया जाएगा। ट्रंप ने मंगलवार को अपने ओवल ऑफिस में अफगानिस्तान सरकार एवं तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि 'हम सेना वापसी के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए हम एक योजना के बारे में बात कर रहे हैं।' ट्रंप ने कहा कि 'मुझे नहीं पता कि यह योजना उनके लिए स्वीकार्य है कि नहीं।' हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि तालिबान के साथ हमारी सकारात्मक वार्ता चल रही है, अब देखिए आगे क्या होता है। उन्होंने कहा कि अन्य अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तुलना में इस संदर्भ में वार्ता तेज हो रही है।
उन्होंने संकेत दिया कि हम कुछ सैनिकों को वापस बुला रहे हैं। ट्रंप ने कहा अभी अमेरिका की अफगान सरकार और तालिबान के साथ वार्ता चल रही है। हम देखेंगे कि आगे यह वार्ता किस नतीजे पर पहुंचती है। उन्होंने कहा कि तालिबान हमसे लड़ना बंद करना चाहेंगे, क्योंकि उन्होंने इस युद्ध में बहुत कुछ खो दिया है। लेकिन इसके बावजूद यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।
उन्होंने कहा यह एक कठिन दौर है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान एक जटिल स्थान है। इस सवाल पर कि क्या अफगानिस्तान में रूस की दिलचस्पी बढ़ी है। इस सवाल पर ट्रंप ने कहा कि सोवियत संघ् अफगानिस्तान के चलते ही रूस बन गया। इसके बावजूद अगर रूस वहां जाना चाहता है तो जरूर जाए। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने पहले भी ऐसा प्रयास किया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैनिक वहां 18 वर्षों से है। इस समय 13000 हजार अमेरिकी वहां पर हैं। नाटो के भी कुछ लोग है। हम सब से वार्ता कर रहे हैं। हमें परिणाम का इंतजार करना चाहिए।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में हम युद्ध नहीं लड़ रहे है। हमारी भूमिका एक स्थानिय पुलिस की तरह हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर युद्ध् होता तो वह छह दिन से अधिक नहीं चलता। उन्हाेंने कहा कि वहां 19 वर्षों से यह युद्ध चल रहा है। यह एक जटिल स्थान है।
उन्होंने कहा कि 'हम सेना वापसी के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए हम एक योजना के बारे में बात कर रहे हैं।' ट्रंप ने कहा कि 'मुझे नहीं पता कि यह योजना उनके लिए स्वीकार्य है कि नहीं।' हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि तालिबान के साथ हमारी सकारात्मक वार्ता चल रही है, अब देखिए आगे क्या होता है। उन्होंने कहा कि अन्य अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तुलना में इस संदर्भ में वार्ता तेज हो रही है।
उन्होंने संकेत दिया कि हम कुछ सैनिकों को वापस बुला रहे हैं। ट्रंप ने कहा अभी अमेरिका की अफगान सरकार और तालिबान के साथ वार्ता चल रही है। हम देखेंगे कि आगे यह वार्ता किस नतीजे पर पहुंचती है। उन्होंने कहा कि तालिबान हमसे लड़ना बंद करना चाहेंगे, क्योंकि उन्होंने इस युद्ध में बहुत कुछ खो दिया है। लेकिन इसके बावजूद यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।
उन्होंने कहा यह एक कठिन दौर है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान एक जटिल स्थान है। इस सवाल पर कि क्या अफगानिस्तान में रूस की दिलचस्पी बढ़ी है। इस सवाल पर ट्रंप ने कहा कि सोवियत संघ् अफगानिस्तान के चलते ही रूस बन गया। इसके बावजूद अगर रूस वहां जाना चाहता है तो जरूर जाए। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने पहले भी ऐसा प्रयास किया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैनिक वहां 18 वर्षों से है। इस समय 13000 हजार अमेरिकी वहां पर हैं। नाटो के भी कुछ लोग है। हम सब से वार्ता कर रहे हैं। हमें परिणाम का इंतजार करना चाहिए।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में हम युद्ध नहीं लड़ रहे है। हमारी भूमिका एक स्थानिय पुलिस की तरह हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर युद्ध् होता तो वह छह दिन से अधिक नहीं चलता। उन्हाेंने कहा कि वहां 19 वर्षों से यह युद्ध चल रहा है। यह एक जटिल स्थान है।
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