Pulwama Terror Attack: इमरान के बयान के बाद ट्रंप का आया ये बड़ा बयान, जानें- क्या कहा
ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा कि अगर दक्षिण एशिया के दो पड़ोसी साथ मिलेंगे तो यह भी अद्भुत होगा।
By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:58 AM (IST)
वाशिंगटन [ एजेंसी ] । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हमला एक भयानक स्थिति की ओर इशारा करता है। इस हमले में 40 भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए।' ट्रंप ने आगे कहा कि 'हमें इस पर लगातार रिपोर्ट मिल रही है, हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।' राज्य के सचिव माइक पोम्पेओ, बोल्टन और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने अलग-अलग बयानों में पाकिस्तान को आतंकी संगठन जैश और उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और आतंकवादी सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने को कहा है।
खास बात यह है कि राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश विभाग का यह बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा था कि इस हमले में पाकिस्तान हुकूमत का कोई हाथ नहीं है। इसके साथ ही पाकिस्तानी पीएम ने भारत को उकसाते हुए कहा था कि 'अगर भारत हमले की सोच रहा हो तो उसे यह याद रखना चाहिए कि वह हमले की शुरुआत कर सकता है, लेकिन उसका अंत उसके हाथ में नहीं होगा।'
उधर, पाकिस्तान के इस बयान के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा कि अगर दक्षिण एशिया के दो पड़ोसी साथ मिलेंगे तो यह भी अद्भुत होगा। एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि 'मुझे इस पर बहुत सारी रिपोर्ट मिली हैं। मैं देख रहा हूं। हम उचित समय पर टिप्पणी करेंगे। यह बहुत अच्छा होगा।' एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता ने कहा हम लगातार भारत सरकार के संपर्क में है। विदेश विभाग ने कहा कि हम भारत के प्रति केवल सहानुभूति नहीं बल्कि पूरे सहयोग का भरोसा दिलाते हैं।
विदेश विभाग ने कहा कि हम पाकिस्तान से आग्रह करते हैं कि इस हमले की जांच में वह भारत का पूरी तरह से सहयोग करे। विदेश विभाग का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद अमेरिका भी पाकिस्तान के संपर्क में है। उधर, अतंकवादी हमले के बाद ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने एक बार फिर आत्मरक्षा के भारत के अधिकार का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली है।
खास बात यह है कि राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश विभाग का यह बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा था कि इस हमले में पाकिस्तान हुकूमत का कोई हाथ नहीं है। इसके साथ ही पाकिस्तानी पीएम ने भारत को उकसाते हुए कहा था कि 'अगर भारत हमले की सोच रहा हो तो उसे यह याद रखना चाहिए कि वह हमले की शुरुआत कर सकता है, लेकिन उसका अंत उसके हाथ में नहीं होगा।'
उधर, पाकिस्तान के इस बयान के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा कि अगर दक्षिण एशिया के दो पड़ोसी साथ मिलेंगे तो यह भी अद्भुत होगा। एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि 'मुझे इस पर बहुत सारी रिपोर्ट मिली हैं। मैं देख रहा हूं। हम उचित समय पर टिप्पणी करेंगे। यह बहुत अच्छा होगा।' एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता ने कहा हम लगातार भारत सरकार के संपर्क में है। विदेश विभाग ने कहा कि हम भारत के प्रति केवल सहानुभूति नहीं बल्कि पूरे सहयोग का भरोसा दिलाते हैं।
विदेश विभाग ने कहा कि हम पाकिस्तान से आग्रह करते हैं कि इस हमले की जांच में वह भारत का पूरी तरह से सहयोग करे। विदेश विभाग का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद अमेरिका भी पाकिस्तान के संपर्क में है। उधर, अतंकवादी हमले के बाद ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने एक बार फिर आत्मरक्षा के भारत के अधिकार का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली है।
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