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ट्रंप ने रॉजर स्टोन की सजा में किया बदलाव, डेमोक्रेट्स ने की निंदा; कहा-न्यायिक प्रक्रिया में है हस्तक्षेप

वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के मामले में आरोपी रॉजर स्टोन को तीन साल चार महीने की सजा दी गई थी जिसे ट्रंप ने बदल दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 07:48 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 07:48 AM (IST)
ट्रंप ने रॉजर स्टोन की सजा में किया बदलाव, डेमोक्रेट्स ने की निंदा; कहा-न्यायिक प्रक्रिया में है हस्तक्षेप
ट्रंप ने रॉजर स्टोन की सजा में किया बदलाव, डेमोक्रेट्स ने की निंदा; कहा-न्यायिक प्रक्रिया में है हस्तक्षेप

वाशिंगटन, एपी। राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप (President Donald J. Trump) ने शुक्रवार को लंबे समय से मित्र रहे रॉजर स्टोन को दी गई सजा में बदलाव कर दिया। डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति के इस कदम की निंदा की और इसे देश के न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करार दिया है। स्टोन को इसी साल फरवरी माह में तीन साल चार महीने की सजा सुनाई गई थी। मंगलवार को स्टोन को जेल में रिपोर्ट करना था।

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रूस मामले में मिली थी सजा

स्टोन ने एपी को बताया कि ट्रंप ने उन्हें शुक्रवार को फोन कर बताया कि उनकी सजा को बदल दिया गया है।रॉजर स्टोन की गिरफ्तारी विशेष वकील रॉबर्ट मूलर द्वारा रूस संबंधित मामले में की जा रही जांच के संदर्भ में की गई थी। स्टोन के खिलाफ कई और आपराधिक मामले हैं। जिसमें से एक अमेरिकी कांग्रेस से सच छिपाने जांच में बाधा डालने का आरोप शामिल है। 

व्हाइट हाउस का बयान

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी केलेघ मैकएनानी ने स्टोन को रूसी अफवाहों का शिकार बताया जो लेफ्ट और इसके सहयोगियों ने मीडिया में फैलाया था। सजा में किए गए इस बदलाव से स्टोन पर लगाए गए आरोप नहीं खत्म होंगे लेकिन सजा की अवधि कम हो जाएगी। ट्रंप के इस निर्णय से डेमोक्रेट्स काफी गुस्से में हैं। डेमोक्रेटिकन नेशनल कमिटी के अध्यक्ष टॉम पेरेज ने कहा, 'ऐसा कोई पावर है जिसका ट्रंप ने दुरुपयोग नहीं किया हो?'

पुरानी है ट्रंप-रोजर की दोस्ती

व्हाइट हाउस ने कहा कि रोजर स्टोन को पहले ही काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। बता दें कि स्टोन और ट्रंप की दोस्ती काफी पुरानी है।  67 साल के स्टोन को जियोर्जिया के जेसप में फेडरल जेल को मंगलवार को रिपोर्ट करना था। स्टोन ट्रंप के सहयोगियों में शामिल रहे हैं। उन पर विशेष वकील रॉबर्ट मूलर की जांच में कई आरोप लगाए गए थे जिसमें ट्रंप की उम्मीदवारी को मजबूत करने के लिए रूसी हस्तक्षेप का दस्तावेजीकरण भी शामिल है। स्टोन के बारे में अपना निर्णय देते हुए व्हाइट हाउस ने मूलर की जांच और स्टोन के खिलाफ केस करने वालों को निशाने पर लिया। व्हाइट हाउस ने कहा कि स्टोन रूस के झांसे का शिकार हुए हैं।

ऐसा कहा गया है कि वर्ष 2016 में ट्रंप के चुनाव प्रचार सहयोगी इस बात से अवगत थे कि हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान से ई-मेल की चोरी हुई और इसे जारी किए जाने की मंशा थी। साथ ही यह आरोप भी था कि ट्रंप के प्रचार अभियान से जुड़े अज्ञात वरिष्ठ अधिकारियों ने स्टोन से संपर्क कर चुराए गए ई-मेल जारी करने की तारीख के बारे में पूछा था।


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