जानें- राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए ट्रंप ने किससे मांगी मदद, बोल्टन ने किताब में किया खुलासा
अमेरिका के पूर्व एनएसए के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल शी चिनफिंग से मुलाकात के दौरान चुनाव में उन्हें जिताने को लेकर मदद मांगी थी।
वॉशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दावा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आने वाले चुनाव में जीतने के लिए चीन से मदद मांगी है। आपको बता दें कि बोल्टन राष्ट्रपति ट्रंप के बेहद करीबी रह चुके हैं। सितंबर 2019 में ट्रंप ने उन्हें आपसी मतभेदों के बाद बाहर कर दिया था। मौजूदा समय में भी ट्रंप उनकी वजह से परेशान थे। इसकी वजह बनी है बोल्टन की लिखी एक किताब।
इस किताब में ही उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि ट्रंप ने 2020 में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए शी चिनफिंग से मदद की गुहार लगाई है। इस किताब को लेकर ट्रंप प्रशासन में हड़कप भी मचा हुआ है। इसमें उन्होंने ये भी लिखा है कि ट्रंप ने जून 2019 में एक शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की थी। इसी दौरान उन्होंने चिनफिंग से चुनाव को लेकर बातचीत की थी। । इस दौरान उन्होंने शी से पूछा था कि चीन किस तरह से अमेरिका में चुनावी प्रचार अभियान को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने सीधेतौर पर शी चिनफिंग से उन्हें जिताने की अपील की थी।
द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित अंशों के मुताबिक उन्होंने लिखा कि इस बातचीत में अमेरिका के किसानों के महत्व पर जोर दिया और कैसे सोयाबीन और गेहूं की चीनी खरीद में वृद्धि, संयुक्त राज्य में चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकती है, इस पर चर्चा की।
वाल स्ट्रीट जनरल को दिए एक इंटरव्यू में बोल्टन ने ट्रंप को को झूठा करार दिया है। उनकी किताब के कुछ अंशों को वाल स्ट्रीट जनरल ने “The Room Where It Happened: A White House Memoir,”के शीर्षक के साथ बुधवार को प्रकाशित किया था। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने यहां तक कहा है कि बोल्टन ने नियम और कानूनों का उल्लंघन करते हुए किताब में कई ऐसी चीजें लिखी हैं जिन्हें नहीं लिखना चाहिए था।
बोल्टन ने अपनी किताब में दावा किया है कि ट्रंप ने चीन से ट्रेड वॉर खत्म करने और पश्चिम चीन में उइगर मुस्लिमों के लिए कन्सन्ट्रेशन कैंप बनाने की पेशकश तक कर डाली। उन्होंने अपनी किताब में कई ऐसे खुलासे किए हैं जिनकी बदौलत ट्रंप को आलोचना का शिकार होना पड़ा है। इस किताब में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि वे चाहते थे कि यूक्रेन को दी जाने वाली करीब 2800 करोड़ रुपये की सुरक्षा सहायता तब तक रोक दी जाए, जब तक कि उसके अधिकारी जो बिडेन समेत डेमोक्रेट्स नेताओं की जांच में मदद नहीं करते।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जॉन बोल्टन को बुक रिलीज रोकने की चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि वे नहीं मानें तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को भी अमेरिकी न्याय विभाग ने उनके आगामी व्हाइट हाउस संस्मरण के प्रकाशन को रोकते हुए एक न्यायाधीश से एक आपातकालीन आदेश मांगा है।
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