अश्वेत पर अत्याचार के जुर्म में टोरंटो पुलिस दोषी, युवक को पीटकर फोड़ दिया था आंख
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अश्वेतों पर पुलिस द्वारा अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं उनमें से एक टोरंटो की घटना है।
टोरंटो, एपी। 2016 में गिरफ्तार किए गए अश्वेत युवक के शोषण के जुर्म में टोरंटो पुलिस ऑफिसर को दोषी पाया गया है। प्रॉसिक्यूटर ने कॉन्सटेबल माइकल थेरियॉल्ट ( Michael Theriault) पर आरोप लगाया कि ड्यूटी पर नहीं होने के बावजूद 2016 में अपने भाई क्रिश्चियन के साथ मिलकर थेरियॉल्ट ने 19 वर्षीय डैफोंट मिलर (Dafonte Miller) का पीछा किया और ओंटारियो (Ontario) के व्हाइटबी (Whitby) के दो मकानों के बीच में उसे पाइप से बुरी तरह पीटा और युवक की बायीं आंख फोड़ दी।
कोविड-19 महामारी के कारण ओंटारियो की अदालत के जस्टिस जोसेफ डी लुका (Justice Joseph Di Luca) ने वर्चुअली अपना फैसला सुनाया। 22 वर्षीय मिलर ने चार साल पहले की घटना को याद करते हुए बताया कि उस रात चोरी से इनकार किया। उसने कोर्ट को बताया कि वह अपने दो दोस्तों के साथ टहल रहा था जब थेरियॉल्ट ने उन तीनों से पूछताछ शुरू कर दी कि वे उस इलाके में क्या कर रहे हैं और जब वे वहां से निकलने की कोशिश कर रहे थे तब थेरियॉल्ट के भाई ने पीछा करना शुरू कर दिया। मिलर ने कहा कि दोबारा संघर्ष करने का उसे मौका नहीं मिला और बस याद है तो थेरियॉल्ट और उनके हाथ में पाइप।
अमेरिका के मिनियापोलिस में पिछले माह पुलिस के हाथों अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद देश भर में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के नारे लगाए जा रहे हैं और नस्लविरोधी प्रदर्शनों का दौर जारी है। इन प्रदर्शनों के दौरान देश भर में मौजूद दासता के प्रतीक मूर्तियों को भी हटाने की मांग की गई।