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भारत-पाकिस्तान-श्रीलंका की यात्रा पर होंगे शीर्ष अमेरिकी राजनयिक, तेहरान मुद्दा रहेगा हावी

अमेरिकी विभाग ने कहा कि वेल्स पिछले महीने 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की सफलता के बाद अमेरिका-भारत की रणनीतिक वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक्‍ करेंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 11:09 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:22 AM (IST)
भारत-पाकिस्तान-श्रीलंका की यात्रा पर होंगे शीर्ष अमेरिकी राजनयिक, तेहरान मुद्दा रहेगा हावी
भारत-पाकिस्तान-श्रीलंका की यात्रा पर होंगे शीर्ष अमेरिकी राजनयिक, तेहरान मुद्दा रहेगा हावी

वाशिंगटन, एजेंसी । अमेरिका में दक्षिण और मध्‍य एशिया राज्य के प्रमुख उप सहायक सचिव ऐलिस जी वेल्‍स अगले सप्‍ताह द्विपक्षीय वार्ता के लिए नई दिल्‍ली आएंगे। 15 से 18 जनवरी तक वह रायसीना वार्ता में भाग लेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि 19 जनवरी से वह पाकिस्‍तान की यात्रा पर रहेंगे। 22 जनवरी तक वह इस्‍लामाबाद में रहेंगे। नई दिल्‍ली आने से पहले वेल्‍स 13 जनवरी से 14 जनवरी तक श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रहेंगे। वेल्‍स की दक्षिण एशिया के प्रमुख देशों की यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे में लाजमी है कि इस द्विपक्षीय वार्ता में तेहरान की मुद्दा गरमा सकता है। 

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अमेरिकी विभाग ने कहा कि वेल्स पिछले महीने 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की सफलता के बाद अमेरिका-भारत की रणनीतिक वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। वार्ता के दौरान वह व्यापार और पारस्परिक हित के विषयों पर चर्चा करेंगे। 19 से 22 जनवरी की अपनी यात्रा के दौरान, वह पाकिस्तान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। बता दें कि भारत-अमेरिका 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता दिसंबर 2019 में हुई थी। वार्ता के समापन के बाद दोनों देशों की ओर से जारी किए गए संयुक्त बयान में दोनों देशों ने उम्‍मीद जाहिर की थी कि पाकिस्‍तान अपने देश में फलफूल रहे आतंकवादी संगठनों पर नकेल कसेगा और उनके कैंपों को खत्‍म करेगा। इस संयुक्‍त बयान से पाकिस्‍तान को मिर्ची लगी थी। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संयुक्‍त बयान में पाकिस्‍तान पर बेबुनियाद आरोप लगाया गया और अनुचित संदर्भों में पाक का नाम लिया गया। मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्‍तान इस संयुक्‍त बयान को गैरवाजिब करार देता है। 

आखिर क्‍या थी संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन की मुख्‍य बातें

  • वाशिंगटन में हुई इस संयुक्‍त्‍ वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष, राज्य के सचिव माइक पोम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क ओस्लो ने भाग लिया।
  • सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा की और अलकायदा, आईएसआईएस / दाएश, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क, हिजबुल मुजाहिदीन, टीटीपी और डी-कंपनी सहित सभी आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।
  • पाकिस्तान अपने यहां सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) सहित सभी आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ तत्काल और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने का आह्वान करें।
  • संयुक्‍त बयान में पाकिस्तान को तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने का आह्वान किया। पाक यह सुनिश्चित करें कि उसके नियंत्रण में चलने वाले आतंकवादी संगठन किसी भी तरीके से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद गतिविधियां नहीं कर सके। 
  • पाकिस्‍तान सीमा पार से हो आतंकी हमलों के आतंकवादियों को गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने के लिए सुनिश्ति करे। 
  • भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश ए मोहम्‍मद के नेता मसूद अजहर को अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवादी घोषित करने में अमेरिकी भूमिका की सराहना की।
  • अमेरिका ने आतंकवाद को राेकने के लिए तमाम भारतीय कानून में बदलावों का स्वागत किया है। इन कानूनों से आतंकवाद से कारगर ढंग से निपटा जा सकेगा। 

क्‍या कहा था पाकिस्‍तान विेदश मंत्रालय ने

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री एवं विदेश मंत्री का यह बयान पूरी तरह से पाकिस्‍तान विरोधी है। पाकिस्‍तान इस बयान की निंदा करता है। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का यह बयान एकतरफा प्रकृति का और निंदनीय है। पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने अपनी आपत्ति अमेरिका तक पहुंचा दिया है। 


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