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सऊदी अरब के मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी बने 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर'

मंगलवार को टाइम पत्रिका ने कहा कि इस साल उसने सच के लिए कीमत चुकाने वाले चार पत्रकारों और एक मैगजीन को इस सम्मान के लिए चुना है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 11:39 PM (IST)
सऊदी अरब के मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी बने 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर'
सऊदी अरब के मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी बने 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर'

न्यूयॉर्क, प्रेट्र: प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2018 के पर्सन ऑफ द ईयर के लिए चार पत्रकारों और एक मैगजीन को चुना है। इसमें हाल ही में तुर्की स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में मार दिए गए वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल खशोगी का भी नाम शामिल है। बता दें कि खशोगी का नाम उस समय चर्चा में आया जब तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में अपने दस्तावेज संबंधी काम के लिए जाने के बाद वह गायब हो गए थे। सऊदी ने उनके लापता होने के पीछे अपना हाथ होने से इन्कार किया था। लेकिन बाद में बताया गया कि उनकी मौत हो चुकी है। उनकी मौत से पश्चिमी देशों और सऊदी अरब के बीच संबंधों में खटास पैदा हो गई है।

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मंगलवार को टाइम पत्रिका ने कहा कि इस साल उसने सच के लिए कीमत चुकाने वाले चार पत्रकारों और एक मैगजीन को इस सम्मान के लिए चुना है। खशोगी के अलावा पिछले 33 वर्षो से युद्ध क्षेत्र में काम करने के लिए विख्यात फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा सहित म्यामांर की जेलों में बंद रायटर के दो युवा पत्रकार वा लोन और क्याव सोइ उ का नाम भी शामिल है। इसके अलावा मैरीलैंड के अनापोलिस में कैपिटल गजट नाम की पत्रिका को भी इस सम्मान के लिए चुना गया है। यहां पर पांच पत्रकारों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पत्रिका का कहना है, 'ये सभी लोग उन लोगों के प्रतिनिधि हैं, जो दुनियाभर में सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं। इस साल 10 दिसंबर तक 52 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है। यह वे लोग हैं जो हमें सच बताने के लिए खुद जोखिम लेते हैं।'

खशोगी के संबंध में पत्रिका ने कहा, 'सऊदी पत्रकार ने अपने देश की सरकार से असहमत होने की हिम्मत की। उन्होंने विश्व को उस सच्चाई के बारे में बताया, जो सच बोलने वालों के खिलाफ वहां अपनाया जाता था। इसके लिए उनकी हत्या कर दी गई।' बता दें कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के एजेंडे का समर्थन करने के बावजूद खशोगी को पिछले साल अपना देश छोड़कर भागना पड़ा था।


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