ग्लोबल साइंस चैलेंज में तीन भारतीय छात्र समेत 15 अंतिम दौर में पहुंचे
हर साल होने वाली ग्लोबल साइंस प्रतियोगिता में गणित और विज्ञान के छात्र हिस्सा लेते हैं। विजेता की घोषणा चार नवंबर को की जाएगी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। तीन भारतीय छात्रों ने प्रतिष्ठित 'ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज' के अंतिम दौर में जगह बना ली है। हर साल होने वाली इस ग्लोबल साइंस प्रतियोगिता में गणित और विज्ञान के छात्र हिस्सा लेते हैं। इस साल दुनियाभर के 12 हजार छात्रों ने जटिल वैज्ञानिक सिद्धांतों को आसान तरीके से दर्शाता हुआ वीडियो बनाकर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज में दुनियाभर के 12 हजार छात्रों ने लिया था हिस्सा
बेंगलुरु के समय गोडीका व निखिया शमशेर और दिल्ली की काव्या नेगी के साथ 15 छात्र अंतिम दौर में जगह बनाने में कामयाब रहे। विजेता की घोषणा चार नवंबर को की जाएगी। जीतने वाले को 2.5 लाख डॉलर की छात्रवृति मिलेगी। विजेता के शिक्षक को 50 हजार डॉलर और उनके स्कूल को एक लाख डॉलर का स्टेट ऑफ द आर्ट साइंस लैब दिया जाएगा।
पापुलर वोट प्रतिस्पर्धा में निखिया टॉपर थीं। ब्रेकथ्रू के फेसबुक पेज पर डाले गए उनके 'स्पेस टाइम और गुरुत्व' संबंधी वीडियो को 25 हजार लाइक और शेयर मिले थे। इससे वह सीधे निर्णायक दौर में जगह बनाने में कामयाब हो गईं। बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही निखिया ने धूमपान की लत वाले व्यक्ति में कैंसर की पहचान के लिए एक टेस्ट तैयार किया था जिसका पेटेंट अभी रुका हुआ है। वह आगे चलकर भौतिक विज्ञान की पढ़ाई करना चाहती हैं।
दिल्ली की काव्या ने हाकिंग रेडिएशन (ब्लैक होल से होने वाला रेडिएशन) पर वीडियो बनाया था। तीन मिनट के वीडियो में उन्होंने ब्लैक होल के विस्फोट को भी विस्तार से बताया है। वह चाहती हैं कि वैज्ञानिकों को भी संगीतकार और अभिनेता की तरह सम्मान मिले। 11 वीं कक्षा में पढ़ रहे समय ने सर्काडियन रिदम (शरीर के अंदर की घड़ी जो मस्तिष्क से जुड़ी होती है) पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया था।