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आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया यह बड़ा बयान!

ट्रंप ने ट्वीट किया कि दस साल तक सर्च करने के बाद मुंबई आतंकी हमलों का तथाकथित मास्टरमाइंड को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 09:21 PM (IST)
आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया यह बड़ा बयान!
आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया यह बड़ा बयान!

वाशिंग्टन, एजेंसी। भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भी एक बड़ा बयान सामने आ गया है। ट्रंप ने ट्वीट किया कि दस साल तक सर्च करने के बाद, मुंबई आतंकी हमलों का तथाकथित मास्टरमाइंड को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे खोजने के लिए पिछले दो वर्षों में बहुत दबाव डाला गया था।

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बता दें कि आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट(CTD) ने लाहौर से गिरफ्तार किया। हाफिज सईद आतंकवाद निरोधक अदालत में पेश होने के लिए गुजरांवाला जा रहा था। काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के एक अधिकारी ने बताया कि मीडिया हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक अदालत में पेश किया गया और उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। उन्होंने आगे कहा, हाफिज के खिलाफ जल्द चार्जशीट दायर की जाएगी। हाफिज सईद के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी आतंकी फंडिंग के आरोप में हुई है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ये कार्रवाई दिखावा मात्र है। पाकिस्तान सरकार के इस कदम को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दबाव का नतीजा माना जा रहा है। पाकिस्तान को एफएटीएफ से ब्लैक लिस्ट होने का डर सता रहा है।

कौन है हाफिज सईद
हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। पाकिस्तान में जमात उद दावा नामक संगठन चलाता है। 2008 में मुंबई हमले का सूत्रधार रहा जिसमें 164 लोग मारे गए। इसी हमले के बाद अमेरिका ने इसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

2006 में मुंबई ट्रेन धमाकों में भी इसका हाथ रहा। 2001 में भारतीय संसद तक को इसने निशाना बनाया। एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।


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