Move to Jagran APP

...और अभेद्य हुआ भारत के प्रधानमंत्री का हवाई सफर, अमेरिका देगा ये उपकरण

अमेरिका के इस कदम से भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के विमानों की सुरक्षा और मजबूत होगी। आइए जानते हैं कि एयर इंडिया वन के बोइंग विमान की खासियत।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 02:16 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 07:40 AM (IST)
...और अभेद्य हुआ भारत के प्रधानमंत्री का हवाई सफर, अमेरिका देगा ये उपकरण
...और अभेद्य हुआ भारत के प्रधानमंत्री का हवाई सफर, अमेरिका देगा ये उपकरण

वाशिंगटन [ एजेंसी ] । अमेरिका ने एयर इंडिया को दो अत्‍याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचने पर सहमति व्‍यक्‍त की है। पेंटागन का कहना है यह सौदा भारत के साथ अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन करती है। इस रक्षा सौदे से दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और भी मजबूती प्रदान होगी। अमेरिका के इस कदम से भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के विमानों की सुरक्षा और अभेद्य होगी। आइए जानते हैं कि एयर इंडिया वन के बोइंग विमान की खासियत। वीवीआइपी की सुरक्षा हुई कैसे हुई अभेद्य। आदि-आदि।
यूएस डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने एक अधिसूचना में कहा, ट्रंप प्रशासन ने बड़े विमान इन्फ्रारेड काउंटरमेशर्स और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट के रूप में जानी जाने वाली दो प्रणालियों की खरीदने की मंजूरी दी है। यह सौदा करीब 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है। अमेरिका का यह फैसला भारत सरकार द्वारा हाल ही में इस प्रणाली के लिए किए गए अनुरोध के बाद आया है, जिसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को उच्चस्तरीय खतरे की ओर इंगित किया गया था।

loksabha election banner

पेंटागन का दावा है कि ये रक्षा प्रणाली एयर फोर्स वन के साथ एयर इंडिया वन की सुरक्षा में वृद्धि करेगी। इसको बोइंग 777 हेड-ऑफ-स्टेट विमान में स्थापित किया जाएगा। भारत सरकार ने इस विशिष्ट उद्देश्य के लिए एयर इंडिया से दो बोइंग 777 खरीदने की योजना बनाई है। पेंटागन ने कहा है कि इस प्रणाली का वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।
कैसे करेगा यह बचाव
एलएआईआरकेएमए सिस्टम बड़े विमानों को मैन पोर्टेबेल मिसाइल से सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। एक बार यह सिस्टम स्‍थापित होने के बाद क्रू-वार्निंग की अवधि को बढ़ाता है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार, इस प्रणाली से गलत अलार्म की दरों को कमी आएगी। इसमें लगे उपकरण यह मध्‍यवर्ती रेंज वाली मिसाइल सिस्‍टम की गिनती स्‍वत: करता है। मिसाइल वार्निंग सिस्टम के लिए इसमें मल्‍टीपल सेंसर का इस्‍तेमाल किया गया है।
चालक दल के एक्‍शन में आए बगैर यह प्रणाली अपना काम करेगी। पायलट को बस सूचित किया जाएगा कि एक मिसाइल का पता लगाया गया और यह प्रणाली उसे वहीं जाम कर देगी। भारत में क्षेत्रीय खतरों को देखते हुए देश की क्षमताओं में सुधार होगा। अमेरिकी कांग्रेस की अधिसूचना में कहा गया है कि यह प्रणाली मिसाइल हमले के खतरों से सावधान करेगी और निपटने में सहायक होगी। पेंटागन ने कहा कि भारत को इस तनकीक के इस्‍तेमल किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।  

क्‍या है एयर इंडिया वन सेवा
केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार ने वीवीआइपी सुरक्षा के लिए देसी एयरफोर्स वन को मंजूरी दी थी। दो दशकों से अति विशिष्ट लोगों की सेवा कर रही एयर इंडिया की बोइंग 747 जंबो जेट की जगह अब 'एयरफोर्स वन' ने लिया। विशेष प्रकार के मेटल से बने इस विमान में तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
दरअसल, एयर इंडिया वन जिसे AI-1 या AIC001 भी कहते हैं। दरअसल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की यात्रा के लिए खास तौर पर तैयार किए गए विमान हैं। इन विमानों का एक पूरा बेड़ा है। इन विमानों को सिविलियन पायलट नहीं उड़ाते हैं। इन्हें एयर फोर्स के अनुभवी पायलटों द्वारा उड़ाया जाता है। ये पालम एयर फोर्स बेस में कडी़ सुरक्षा व्यवस्था में रखे जाते हैं।
दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम यह विमान किसी भी समय हवाई हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई भी कर सकता है। इसमें एडवांस्ड मिसाइल वार्निंग सिस्टम है, जो मिसाइल हमले की स्थिति में तुरंत पायलट को सूचना देता है। यह बोइंग 747-400 विमान है। इसमें वे सभी सुरक्षा उपकरण हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान में हैं।
इनमें रडार वार्निंग सिस्टम, मिसाइल-अप्रोच वार्निंग और मिसाइल के आने पर उसका मुकाबला करने वाले उपकरण लगे हुए हैं। ये उपकरण मिसाइल के आने पर उसे भटकाने के लिए कई तरह से काम करते हैं। ये विमान जैमर युक्‍त होते हैं। ये रिमोट कंट्रोल से चलने वाले किसी भी उपकरण को निरस्त कर सकता है। इसके अति‍रक्‍त विमान में अन्‍य सुरक्षा उपकरण लगे हुए हैं, जिनके बारे में सूचना सार्वजनिक नहीं की जाती है।

सुविधाओं का पर्याय है एयर इंडिया वन
एयर इंडिया वन के बोइंग विमान में में कुल 383 किलोमीटर की वायरिंग है, जो किसी भी तरह के झटके से उसे बचाती है। इन विमानों में सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम है, जिससे वे इंडियन एयरफोर्स से हमेशा जुड़े होते हैं। ये विमान 41,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। इनमें हवा में ही ईंधन भरने की भी व्यवस्था होती है। इस विमान में एक बार में 100 लोगों का भोजन बनाने, 2,000 लोगों के लिए भोजन स्टोर करने की व्यवस्था है।
वीवीआइपी की सुरक्षा का जिम्‍मा मेजबान देश पर
सामान्‍य धारणा यह है कि जब वीवीआइपी विदेश यात्रा पर होते हैं तो वायुसेना का विमान उनकी हिफाजत करता है।  लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल, मेजबान देश अपने यहां आने वाले नेताओं की सुरक्षा के लिए जिम्‍मेदार होते हैं। मेजबान देश की वायु सेना वीवीआइपी की सुरक्षा के लिए जिम्‍मेदार होती है। यानी वहां की सेना वीवीआइपी सुरक्षा की जिम्‍मेदारी उठाती है।

 इन सुविधाओं से लैस है बोइंग 777

  • अत्याधुनिक संचार की सुविधाओं से लैस
  • दुश्‍मन के ग्रेनेड और रॉकेट के वार झेलने की क्षमता
  • यह दुश्मन के रडार को चकमा दे सकता है
  • हवाई हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम
  • 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध
  • आपातकाल के लिए एक ऑपरेशन थिएटर

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.