दरकिनार नहीं की जा सकती बेहतर प्रशिक्षित शांति सैनिकों की जरूरत
भारत ने बढ़ते खतरे को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र में बताई बेहतर प्रशिक्षित शांति सैनिकों की आवश्यकता। भारत ने शांति मिशनों को मजबूत और सुरक्षित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा सैनिकों पर बढ़ते खतरे को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र मिशनों में बेहतर प्रशिक्षित शांति सैनिकों की आवश्यकता पर बल दिया है। साथ ही कहा है कि इस जरूरत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। भारत की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस के '2019 यूनाइटेड नेशन्स पीसकीपिंग मिनिस्ट्रियल' में दिए गए उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने शांति मिशनों को मजबूत और सुरक्षित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
इस संबंध में चर्चा के लिए 130 से अधिक सदस्य देशों के रक्षा, विदेश मामलों के मंत्रियों और उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ अंतर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एकत्र हुए हैं। इस दौरान इन लोगों ने समकालीन शांति व्यवस्था के लिए आवश्यक विशिष्ट क्षमताओं पर चर्चा की। बातचीत के दौरान सबसे ज्यादा फोकस आम नागरिकों, महिलाओं, शांति और सुरक्षा पर रहा।
इस मौके पर रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव माला दत्त ने कहा, 'भारत ने ए4पी (एक्शन फॉर पीसकीपिंग) घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं और हम दिए गए दायित्वों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा सैनिकों पर बढ़ते खतरे को देखते हुए बेहतर तरीके से प्रशिक्षित सैनिकों के महत्व को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।' संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत शांति मिशनों में पेशेवर सैनिकों को तैनात करना और मिशनों की क्षमता निर्माण की दिशा में काम करना जारी रखेगा।