WHO ने कहा, चीन में कोरोना के स्रोत की जांच में कई देशों की रुचि, हर्ड इम्युनिटी का इंतजार खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यूरोप में ठंड बढ़ने के साथ ही युवाओं के बुजुर्ग लोगों के संपर्क में आने की संभावना है जिससे महामारी के फैलने का खतरा ज्यादा है।
जेनेवा, एजेंसियां। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने आगाह किया है कि प्राकृतिक रूप से हर्ड इम्युनिटी का इंतजार करना खतरनाक हो सकता है। इससे कई लोगों की जान जा सकती है। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर आधारित कोरोना की जांच (broad based population tests) हमेशा लाभदायक नहीं होती है। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि कोरोना के स्रोत को जानने के लिए चीन में भेजे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मिशन में कई देशों ने रुचि दिखाई है।
हर्ड इम्युनिटी का इंतजार खतरनाक
डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान करखोव ने गुरुवार को कहा, 'हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि एक सुरक्षित एवं प्रभावी वैक्सीन बनाई जाए, जिससे बड़ी आबादी को सुरक्षित करते हुए संक्रमण को बढ़ने से रोका जाए। प्राकृतिक रूप से हर्ड इम्युनिटी के इंतजार से कई लोगों की जान जा सकती है।' उन्होंने कहा कि करीब 65 से 70 फीसद आबादी में इम्युनिटी बनने से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। इसके लिए वैक्सीन ही सबसे प्रभावी तरीका है।
कोरोना के स्रोत की जांच में कई देशों की रुचि
डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर माइकल रेयान ने कहा कि कोरोना वायरस के स्रोत को जानने के लिए चीन में भेजे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मिशन में कई देशों ने रुचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि एक अंतरराष्ट्रीय टीम बनाई जा रही है और इसका हिस्सा बनने के कई देश इच्छुक हैं। यह टीम वुहान में जाकर चीन के अधिकारियों के साथ मिलकर वायरस के मूल का पता लगाएगी।
पाबंदियों के नतीजों का होगा मूल्यांकन
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एक समिति गठित करने जा रहा है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के दौरान लागू की गई स्वास्थ्य पाबंदियों के नतीजों का मूल्यांकन करेगी। यह समिति इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशंस (International Health Regulations) के कामकाज के साथ-साथ संभावित संशोधनों के बारे में भी सिफारिशें देगी। समिति की पहली बैठक 8 से 9 सितंबर को होगी।
कुछ टीकों के बुजुर्गों पर बेहतर नतीजे
बता दें कि गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने दुनियाभर के संवाददाताओं के सवालों का जवाब दिया। संवाददाताओं ने सवाल पूछा था कि महामारी के इतने दिनों बाद भी टीका क्यों नहीं आ सका है। इस दिशा में क्या किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने बताया कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन के ट्रायल के तीसरे चरण के नतीजे सामने आए हैं। इसमें बड़ा महत्वपूर्ण डाटा हाथ लगा है। इन टीकों में कुछ के बुजुर्गों पर नतीजे बेहतर रहे हैं।
ठंड बढ़ने के साथ महामारी फैलने का खतरा ज्यादा
इससे इतर डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी कि युवाओं में कोरोना के बढ़ते मामलों से बुजुर्गों में संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक है। यूरोप के लिए डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ. हांस क्लूज का कहना है कि इससे ज्यादा मौतें हो सकती हैं। डॉ. क्लूज का यह भी कहना है कि यूरोप में ठंड बढ़ने के साथ ही युवाओं के बुजुर्ग लोगों के संपर्क में आने की संभावना है जिससे महामारी के फैलने का खतरा ज्यादा है। यही नहीं मरीजों की संख्या के साथ ही मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी हो सकती है।