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टीबी की वैक्सीन से घटेगा कोविड-19 के मरीजों की मौत का खतरा, शोधकर्ताओं का दावा

बीसीजी के टीके से लोगों का इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और खुद को कई संक्रमणों से बचाया जा सकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 06:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:09 PM (IST)
टीबी की वैक्सीन से घटेगा कोविड-19 के मरीजों की मौत का खतरा, शोधकर्ताओं का दावा
टीबी की वैक्सीन से घटेगा कोविड-19 के मरीजों की मौत का खतरा, शोधकर्ताओं का दावा

वाशिंगटन, एएनआइ। तपेदिक ( ट्यूबरकुलोसिस-टीबी ) के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली सदियों पुरानी दवा बीसीजी से कोरोना के कारण मृत्युदर को कम करने की संभावना बताई जा रही है। अमेरिका में हुए एक प्रारंभिक शोध में बताया गया है कि बेसिलस कैलमेट-ग्यूरिन ( बीसीजी ) वैक्सीन विश्व भर में जहां कहीं भी कोविड-19 के मरीजों को दिए गए वहां मृत्युदर बेहद कम रही है।

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बीसीजी वैक्सीन को कोविड-19 के मरीजों को देने से मृत्युदर कम रही

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीजेज के शोधकर्ताओं ने बेसिलस कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) को कोविड-19 के मरीजों के इलाज से जोड़कर देखा है। पूरे विश्व में कोविड-19 के कारण हुई मौतों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है। ऑनलाइन साइंस जनरल 'नेशनल एकडमी ऑफ साइंसेज ऑफ यूएसए' में प्रकाशित इस शोध के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि पेरनामबुको, रियो डि जिनेरियो, मैक्सिको के साओ पालो और मेक्सिको के मेक्सिको सिटी समेत लैटिन अमेरिका में अमेरिका के न्यूयार्क, इलिनियॉस, लूसानिया और फ्लोरिडा के मुकाबले बहुत कम मौतें हुई हैं। इस कारण बताया गया कि जहां कहीं भी मृत्युदर कम थी, वहां कोविड-19 के मरीजों को टीबी की वैक्सीन दी गई थी।

विकासशील देशों में अमेरिका से कम मृत्युदर कैसे पर शोध

वर्जीनिया टेक के कॉलेज ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज ऐंड एन्वायरन्मेंट में असिस्टेंट प्रफेसर लुइस एस्कोबार ने इस बात पर रिसर्च की कि कुछ विकासशील देशों में अमेरिका के कुछ राज्यों से कम मृत्युदर कैसे है, जबकि वहां आबादी ज्यादा भी है और घनी भी। जिन देशों में कोविड-19 की वजह से मृत्युदर कम है, वहां लोगों की उम्र, आय और हेल्थ केयर सुविधाओं को लेकर भारी विविधता थी। हालांकि, इन सब में एक चीज समान थी- टीबी का वैक्सिनेशन प्रोग्राम।

बीसीजी के टीके से लोगों का इम्यून सिस्टम बेहतर होता है

टीबी की दवा बेसिलस कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) को आमतौर पर अमेरिका में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह बीमारी विकासशील देशों में ही ज्यादा होती है। बेसिलस कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) वैक्सीन लगभग 100 साल पहले तैयार की गई थी। इससे टीबी के बैक्टीरिया के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा होती है। इसके टीके से लोगों का इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और खुद को कई संक्रमणों से बचाया जा सकता है।


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