UN में पाकिस्तान के 'कश्मीर मुद्दा' उठाने पर बोले अकबरुद्दीन- पुराना राग अलापने की है आदत
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद एक बारहमासी खतरा है और इससे हर फोरम पर कड़ाई से निपटना चाहिए।
न्यूयॉर्क, एएनआइ। विदेश मंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव भारत द्वारा रद किए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र के महाधिवेशन (जनरल असेंबली) में पाकिस्तान की ओर से कश्मीर का मुद्दा उठाया जा सकता है। भारत ने इस मंच पर पाकिस्तान को माकूल जवाब देने की तैयारी कर ली है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने साफ अंदाज में कहा कि भारत किसी भी वैश्विक मंच से आतंकवाद के खिलाफ जवाब देने में सक्षम है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'देखिए, आतंकवाद किसी भी समय और परिस्थिति में बेहद खतरा है। इसलिए हम इसके खिलाफ हर मंच पर पुरजोर तरीके से आवाज उठाते रहेंगे। इससे पहले भारत ने 1996 में ही आतंकवाद के खिलाफ सीसीआईटी ड्राफ्ट पेश किया था।' अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि अगर कोई देश इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना चाहता है, तो उसका जवाब दिया जाएगा।
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद एक बारहमासी खतरा है और इससे हर फोरम पर कड़ाई से निपटना चाहिए। न्यूयॉर्क में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय प्रणाली का सामना करने के कई खतरे और चुनौतियां हैं। हमारी परंपरा को देखते हुए बहुपक्षीय प्रणाली की तरफ हमारा झुकाव ज्यादा है। बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी हमें मददगार साबित होना होगा ताकि हम एक सुधारित बहुपक्षवाद की ओर बढ़ सकें।
अकबरुद्दीन ने विश्व मंच पर भारत की भागीदारी की बात करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने प्रमुख मुद्दों पर अपनी बता दमदार तरीके से रखी है। पाकिस्तान के कश्मीर मुद्दे को उठाने पर उन्होंने कहा कि अगर किसी की इच्छा एक मुद्दे पर पुराना राग अलापने की है, तो वो उसका सोच है। लेकिन भारत ऐसे आरोपों का जवाब देने में तैयार है।