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UN ने कहा, रोहिंग्‍या मुद्दे पर आंग सान सू की के पास है 'आखिरी मौका'

कहा जा रहा है कि म्‍यांमार में जातीय हिंसा के कारण अब तक करीब चार लाख रोहिंग्‍या बांग्‍लादेश के शरणार्थी शिविरों में पहुंच चुके हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 18 Sep 2017 11:49 AM (IST)
UN ने कहा, रोहिंग्‍या मुद्दे पर आंग सान सू की के पास है 'आखिरी मौका'
UN ने कहा, रोहिंग्‍या मुद्दे पर आंग सान सू की के पास है 'आखिरी मौका'

यूएन, आइएनएस। रोहिंग्‍या मुद्दे पर म्‍यांमार की स्‍टेट काउंसलर आंग सान सू की चुप्‍पी सवालों के घेरे में है। म्‍यांमार में जारी जातीय हिंसा के कारण लाखों की संख्‍या में रोहिंग्‍या मुस्लिम जान बचाकर बांग्‍लादेश पहुंच गए हैं। इस बीच, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा है कि इस हिंसा को रोकने का आखिरी मौका आंग सान सू की के पास है।

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गुतेरस ने कहा, अगर उन्‍होंने अब स्थिति नहीं संभाली तो मेरे ख्‍याल से यह भविष्‍य में निश्चित रूप से और भयावह हो जाएगी। वहीं जोर देते हुए यह भी कहा कि रोहिंग्‍या मुस्लिमों को जरूर घर वापसी की इजाजत देनी चाहिए।

गौरतलब है कि बीते 25 अगस्‍त को म्‍यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्‍या विद्रोहियाें ने पुलिस चौकियों पर हमला बोल दिया था और 12 सुरक्षा कर्मियों की हत्‍या कर दी थी। इसके बाद से ही धीरे-धारे पूरा म्‍यांमार जातीय हिंसा की गिरफ्त में आ गया और रोहिंग्‍या मुस्लिम अपनी जान बचाकर बांग्‍लादेश पलायन करने लगे। कहा जा रहा है कि अब तक करीब चार लाख रोहिंग्‍या बांग्‍लादेश के शरणार्थी शिविरों में पहुंच चुके हैं।

उधर, रोहिंग्‍या मुद्दे पर चुप्‍पी को लेकर आंग सान सू की आलोचनाओं का सामना कर रही हैं। वह आज से न्‍यूयॉर्क में शुरू हो रहे संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा सत्र में भी शामिल नहीं होंगी। उनका दावा है कि किसी बड़ी गलतफहमी की वजह से यह पूरा संकट खड़ा हुआ है।

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