सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में भारत की सफलता बदल देगी विश्व का चेहरा
इक्वाडोर की पूर्व विदेश मंत्री मारिया को जून में महासभा का अध्यक्ष चुना गया था। वह यूएनजीए की अध्यक्ष बनने वाली चौथी महिला हैं।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा ( यूएनजीए ) द्वारा तय सतत विकास लक्ष्यों ( एसडीजी ) को पूरा करने में भारत की सफलता पूरे विश्व का चेहरा बदल सकती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें अधिवेशन की अध्यक्ष मारिया फर्नाड एस्पिनोसा ने भारत को यूएन का मित्र बताते हुए यह बात कही है। इक्वाडोर की पूर्व विदेश मंत्री मारिया को जून में महासभा का अध्यक्ष चुना गया था। वह यूएनजीए की अध्यक्ष बनने वाली चौथी महिला हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित 1953 में महासभा की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई थीं।
यूएन महासभा अध्यक्ष ने भारत को बताया संस्था का अहम सहयोगी
मारिया ने यहां कहा, 'भारत बहुपक्षीय प्रणाली का अहम किरदार है। 130 करोड़ की आबादी वाला देश यदि 2030 तक एसडीजी को पूरा कर लेता है तो वह पूरे विश्व का नक्शा बदल देगा।' एसडीजी में गरीबी, भुखमरी, शिक्षा और पर्यावरण से जुड़े 17 लक्ष्य शामिल हैं।
महासभा की अध्यक्ष बनने से पहले अपनी भारत यात्रा को याद करते हुए मारिया ने कहा, 'भारत में एसडीजी को पूरा करने के लिए जमीनी स्तर पर कोशिश की जा रही है। इसे देखकर मैं काफी प्रभावित हुई थी।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई
मारिया ने पर्यावरण के क्षेत्र में यूएन का सबसे बड़ा सम्मान 'द यूएनईपी चैंपियंस ऑफ द अर्थ' पाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई भी दी। मोदी को यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय सौर समझौते में नेतृत्व और भारत में प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने की दिशा में प्रयास करने के लिए दिया गया है।
यूएन में भारत के सहयोग की तारीफ की
मारिया ने यूएन के विभिन्न कार्यक्रमों में भारत के सहयोग की तारीफ भी की। यूएन शांति रक्षा मिशन में भारतीय सेना के योगदान के लिए उन्होंने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि महिला शांति रक्षकों व सामान्य महिलाओं के साथ होने वाले अपराध रोकने में भी भारत की भूमिका अहम है।