बैक्टीरिया को मारने में मददगार है इम्यून सेल, वंडरबिल्ट यूनिवसिर्टी के शोधकर्ताओं ने खोजी नई क्रियाविधि
अभी तक यह पता था कि न्यूट्रोफिल्स- पहला रेस्पांडर इम्यून सेल होता है जो संक्रमण स्थल पर पहुंच कर खुद को विघटित कर अपने प्रोटीन तथा डीएनए कंटेंट का स्त्राव करता है जो न्यूट्रोफिल एक्स्ट्रासेल्युलर ट्रैप (एनईटी) पैदा करता है।
वाशिंगटन, एएनआइ। शरीर की प्रतिरक्षी कोशिकाएं (Immune Cells) रोगों खासकर संक्रमण से लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। अब एक अध्ययन में इसकी एक नई क्रियाविधि सामने आई है। इसमें बताया गया है कि हमारे इम्यून सिस्टम के सेल्स मकड़ी की तरह बैक्टीरिया को शिकार के रूप में फंसाते हैं और फिर उसे 'निगल' जाते हैं। यह अध्ययन वंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधार्थियों ने किया है।
साइंस एडवांसेज में प्रकाशित इस अध्ययन में ऐसी एंटीबैक्टीरियल मैकेनिज्म की जानकारी होने से रोगाणुओं से लड़ने की नई रणनीति बनाने में मदद मिल सकती है।
एनईटी अन्य प्रकार के इम्यून सेल मैक्रोफैगस की भी बैक्टीरिया मारने की बढ़ाता है क्षमता
अभी तक यह पता था कि न्यूट्रोफिल्स- पहला रेस्पांडर इम्यून सेल होता है, जो संक्रमण स्थल पर पहुंच कर खुद को विघटित कर अपने प्रोटीन तथा डीएनए कंटेंट का स्त्राव करता है, जो न्यूट्रोफिल एक्स्ट्रासेल्युलर ट्रैप (एनईटी) पैदा करता है। अब वंडरबिल्ट के एंड्रयू मोंटैथ के नेतृत्व में किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि एनईटी अन्य प्रकार के इम्यून सेल मैक्रोफैगस की भी बैक्टीरिया मारने की क्षमता बढ़ाता है।
एक अन्य शोधकर्ता एरिस स्कार के मुताबिक, न्यूट्रोफिल्स बैक्टीरिया को फांसने के लिए मकड़ी की तरह जाल बनाता है और उसके बाद मैक्रोफैगस उस बैक्टीरिया को निगल जाता है।
मिल सकता है बैक्टीरिया से होने वाले रोग के इलाज का नया विकल्प
इस शोध से स्टैफ बैक्टीरिया से होने वाले रोग के इलाज का नया विकल्प मिल सकता है। इससे अस्पताल में फैलने वाले संक्रमण, संक्रामक हृदय रोग, मवाद बनाने वाली त्वचा जैसी बीमारियां होती हैं।
न्यूट्रोफिल्स और मैक्रोफैगस दोनों ही फैगोसाइटिक सेल्स के रूप में जाने जाते हैं, जो बैक्टीरिया को निगलकर एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स तथा संक्रमण से लड़ने के लिए एंजाइम बनाते हैं। इस तरह नेट का बनना, बैक्टीरिया को मारने का एक नियोजित तरीका माना जाता है।