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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे SpaceX के चार अंतरिक्ष यात्री, 27 घंटे में तय किया सफर

इस मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन (International Space Station) भेजा गया है। इसमें नासा से तीन और जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जैक्सा से एक यात्री शामिल है। अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने कैप्सूल को रेजिलिएंस नाम दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 12:14 PM (IST)
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे SpaceX के चार अंतरिक्ष यात्री, 27 घंटे में तय किया सफर
चार अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन भेजा गया है।

फ्लोरिडा, एजेंसियां। स्पेसएक्स (SpaceX) के चार अंतरिक्ष यात्री मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पहुंच गए हैं। यह नासा का पहला ऐसा मिशन है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने के लिए किसी निजी अंतरिक्ष यान की मदद ली गई है। 27 घंटे की उड़ान के बाद ड्रैगन कैप्सूल यान मंगलवार सुबह आइएसएस पर पहुंचा और यह अप्रैल तक यहां रहेगा।

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सोमवार सुबह तीन अमेरिकियों और एक जापानी नागरिक को लेकर फाल्कन रॉकेट ने केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। स्पेस एक्स के यान से दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रियों को रवाना किया गया था। इस ड्रैगन कैप्सूल यान को इसके चालक दल के सदस्यों ने वर्ष 2020 में दुनियाभर में आई चुनौतियों को देखते हुए 'रेसिलियंस' नाम दिया गया है।

कमांडर माइक हॉपकिंस ने प्रक्षेपण से ठीक पहले कहा, 'इस मुश्किल समय में मिलकर काम करके, आपने देश एवं दुनिया को प्रेरित किया है। इस शानदार यान को रेसिलियंस नाम दिया गया है।' स्पेसएक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी एलन मस्क को कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण दूर से ही इस पर नजर रखने पर मजबूर होना पड़ा।

कैप्सूल के कक्षा में पहुंचते ही कैलिफोर्निया में स्थित स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल में मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं। इस प्रक्षेपण से अमेरिका और अंतरिक्ष स्टेशन के बीच चालक दल के सदस्यों के बारी-बारी से आने-जाने की लंबी श्रृंखला की शुरुआत होगी। अधिकारियों ने कहा कि अधिक लोगों का मतलब है कि प्रयोगशाला में अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान होगा।

इन्होंने भरी उड़ान

अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरने वाले यात्रियों में अमेरिकी वायुसेना के कर्नल और अंतरिक्ष यात्री माइक हॉपकिंस, नौसेना कमांडर एवं अंतरिक्ष यात्री विक्टर ग्लोवर (जो अंतरिक्ष स्टेशन पर पूरे छह महीने बिताने वाले पहले अफ्रीकी-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री होंगे), भौतिक विज्ञानी शैनन वॉकर और जापानी अंतरिक्ष यात्री सोइची नोगुची शामिल हैं। इन चार अंतरिक्ष यात्रियों से पहले कजाखस्तान से पिछले महीने दो रूसी और एक अमेरिकी यात्रियों ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी।


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