हिंसा को बढ़ावा देने वाले पोस्ट को हटाएगा फेसबुक, सोशल साइट पर लगे थे आरोप
भारत और म्यांमार समेत आठ देशों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फेसबुक से पारदर्शिता बरतने की अपील की थी।
सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने कहा कि वह उन फर्जी पोस्ट को अपने नेटवर्क से हटाएगा, जिनके चलते हिंसा भड़क सकती है। फेसबुक ने यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब उसे भारत, म्यांमार और श्रीलंका जैसे देशों में हिंसा भड़काने में मदद के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
टेक न्यूज वेबसाइट सीनेट के अनुसार, फेसबुक हिंसा की अपील करने वाली सामग्री पर पहले ही रोक लगा चुका है। अब उसकी नई नीति के दायरे में उन झूठी खबरों को भी लाया जाएगा जिससे शारीरिक नुकसान होने की आशंका रहती है। फेसबुक ने कहा है, 'कुछ खास तरह की झूठी सूचनाएं होती हैं जिनसे किसी को शारीरिक नुकसान पहुंच सकता है। हम नीति में बदलाव कर रहे हैं जिससे हम इस तरह की सामग्री को हटाने में सक्षम होंगे। हम आने वाले महीनों में इस नीति को अमल में लाना शुरू कर देंगे।'
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ऐसी सामग्री हटाने की थी अपील
इस साल मई में भारत और म्यांमार समेत आठ देशों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फेसबुक से पारदर्शिता बरतने की अपील की थी। उन्होंने संयुक्त बयान में कहा था कि फेसबुक पर मानवाधिकारों के हनन को बढ़ावा देने वाली सामग्री और गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं। भारत और म्यांमार के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम, फिलीपींस, सीरिया और इथोपिया के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फेसबुक से इस तरह की सामग्री हटाने अपील की थी।
निशाने पर वाट्सएप भी
फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप को इस समय भारत में अफवाहों से भरे गैरजिम्मेदाराना संदेशों के प्रसार के लिए आलोचना झेलनी पड़ रही है। इन संदेशों के चलते गुस्साई भीड़ के हाथों कई निर्दोष लोगों की जान भी जा चुकी है।