Move to Jagran APP

अमेरिका में चीन के जासूस को मिली 14 महीने की सजा, कबूली जासूसी की बात

अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने डिजिटल सुनवाई के दौरान येओ को 14 महीने की सजा सुनाई। हालांकि अमेरिका की जेल प्रणाली में फैल चुके कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए अभियोजकों द्वारा सिफारिश की गई सजा को दो महीने कम कर दिया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 01:04 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 01:04 PM (IST)
अमेरिका में चीन के जासूस को मिली 14 महीने की सजा, कबूली जासूसी की बात
सजा पूरी होने के बाद एओ को निर्वासित कर दिया जाएगा।

वाशिंगटन, एपी। सिंगापुर के एक व्यक्ति को अमेरिकी अदालत ने चीन को बहुमूल्य सैन्य और राजनीतिक सूचना देने के मामले में 14 महीने कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने माना कि उसने यह सूचना देकर अमेरिकियों को धोखा दिया। जून वेई येओ ने चीनी खुफिया एजेंटे के निर्देशन में काम करने की बात को कबूल कर लिया है।

loksabha election banner

ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि चीन आर्थिक बढ़त के लिए अमेरिका के प्रमुख अनुसंधान सहित गोपनीय जानकारियों की चोरी करने का प्रयास कर रहा है। अभियोजक ने आरोप लगाया कि येओ, जिसे डिक्सन येओ के नाम से जाना जाता है, न केवल लालच से प्रेरित होकर काम कर रहा था बल्कि उसकी इच्छा चीन की कम्युनिस्ट सरकार की तरह वैश्विक स्तर पर अमेरिका की स्थिति कमजोर करने की थी।

न्याय विभाग के मुताबिक वह कई साल से अमेरिकी सैन्य विमान कार्यक्रम, अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी और कैबिनेट सदस्य की जानकारी साझा कर रहा था। न्याय विभाग का मानना है कि येओ को गोपनीय दस्तावेज हासिल करने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। अभियोजक का कहना था कि गिरफ्तारी से पहले येओ कुछ सूचना इकट्ठा करने की तैयारी कर रहा था।

अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज तान्या चुटकन ने वाशिंगटन में डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दौरान 14 महीने की सजा सुनाई। हालांकि, उन्होंने अमेरिका की जेल तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस महामारीको ध्यान में रखते हुए अभियोजकों द्वारा सिफारिश की गई सजा को दो महीने कम कर दिया। सजा पूरी होने के बाद उसे निर्वासित कर दिया जाएगा।

येओ ने न्यायाधीश से कहा कि मैंने जो भी किया है, उसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं चीन के प्रति सहानुभूति रखता हूं, लेकिन किसी को नुकसान पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं था। अभियोजन पक्ष का कहना है कि 2015 की बीजिंग यत्रों के दौरान येओ चीन का खुफिया एजेंसी में शामिल हुआ था। न्याय विभाग ने आरोप लगाया कि उसने ऑपरेटर्स के निर्देशन में काम करते हुए एक फर्जी कंसल्टिंग कंपनी को नियुक्त किया औऱ प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के साथ अपना काम साक्षा किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.