कोरोना के गंभीर रोगी 20 दिन रह सकते हैं संक्रामक, पढ़ें- शोधकर्ताओं ने क्या कहा
अमेरिका की ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (ओएचएसयू) के शोधकर्ताओं ने दर्जनों अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर बताया कि गंभीर रूस से संक्रमित लोगों में यह वायरस लंबे समय तक रह सकता है। शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) सिस्टम ईजाद किया है।
वॉशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि गंभीर रूप से संक्रमित होने वाले लोगों में यह घातक वायरस 20 दिनों तक रह सकता है। इस दौरान ऐसे लोगों से संक्रमण का खतरा बना रह सकता है। जबकि हल्के या बिना लक्षण वाले कोरोना पीडि़तों में यह संक्रमण नौ दिन से ज्यादा नहीं रहता है।
अमेरिका की ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (ओएचएसयू) के शोधकर्ताओं ने दर्जनों अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर बताया कि गंभीर रूस से संक्रमित लोगों में यह वायरस लंबे समय तक रह सकता है। यह निष्कर्ष दुनिया भर में किए गए 77 अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर निकाला गया है। इस अध्ययन से जुड़ीं ओएचएसयू की असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका सिक्का ने कहा, 'अध्ययनों की समीक्षा से जाहिर होता है कि लोगों में एक लंबी अवधि तक वायरस रह सकता है। इस दौरान ऐसे लोग संक्रामक हो सकते हैं।' -एएनआइ
पीडि़तों में किडनी समस्या को भांप सकता है एआइ
शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) सिस्टम ईजाद किया है। इसकी मदद से चिकित्सक कोरोना पीडि़तों में एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआइ) के खतरे को भांप सकते हैं। एकेआइ में अचानक किडनी फेल हो सकती है। कोरोना संक्रमण के कारण यह खतरा पाया जा रहा है।
अमेरिका के माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना रोगियों पर आजमाई गई यह तकनीक एकेआइ के खतरे का अनुमान लगाने में खरी पाई गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि कोरोना रोगियों में एक्यूट किडनी इंजरी की समस्या आम होती जा रही है। यह निष्कर्ष अस्पतालों में भर्ती किए गए तीन हजार से ज्यादा कोरोना रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला गया है।