अमेरिका : H1B वीजा नियमों में बदलाव को लेकर 17 लोगों ने दर्ज किया मुकदमा
कोलंबिया की जिला कोर्ट में यह मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि H1B वीजा को लेकर आए नए नियम निश्चित रूप से मनमाना गलत और तर्कहीन हैं जिसके लिए प्रक्रियात्मक नियमों का पालन नहीं किया गया है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के खिलाफ कुछ संगठन, यूनिवर्सिटीज और बिजनेसमैन समेत 17 लोगों की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा हाल ही में आए मजदूरों से जुड़े H1B वीजा के अंतरिम अंतिम नियम को लेकर दायर किया गया है। कोलंबिया की जिला कोर्ट में यह मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि यह नियम निश्चित रूप से मनमाना, गलत और तर्कहीन है जिसके लिए प्रक्रियात्मक नियमों का पालन नहीं किया गया है।
H1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है जिन्हें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। यह भारतीय आइटी पेशेवरों में सबसे अधिक मांग वाला है। गौरतलब है कि हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने स्थानीय कामगारों की सुरक्षा के लिए चुनाव से पहले एच1बी वीजा को लेकर नई पाबंदियां लगा दी हैं। जिसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यूएस सरकार के इस कदम से भारत के हजारों आइटी (सूचना प्रौद्योगिकी) पेशेवर प्रभावित होंगे। नए प्रतिबंधों को लेकर कहा गया है कि इसका उद्देश्य योग्य अभ्यर्थियों को एच1बी वीजा देना है और यह जल्द ही प्रभावी होगा।
भारतीयों पर असर
आइटी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल दसियों हजार कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं। H-1B वीजा प्रावधानों को कड़ा करने से पहले से ही बड़ी संख्या में भारतीयों ने अपनी नौकरी खो दी है और कोरोना महामारी के दौरान स्वदेश लौट रहे हैं। इससे पहले एच1 बी वीजा को लेकर व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि इस तरह का वीजा केवल विशेष प्रतिभा वाले व्यक्तियों को मिलना चाहिए। बयान में कहा गया था कि राष्ट्रपति अत्यधिक कुशल श्रमिकों को प्राथमिकता देने और अमेरिकी कामगारों की रक्षा करने के लिए वीजा कार्यक्रम में सुधार कर रहे हैं।