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आज से शुरू हो सकता है नोबल पुरस्‍कारों के एलानों का सिलसिला, इनके नामों की है चर्चा

यदि सब कुछ तय शेड्यूल के मुताबिक रहा तो इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा आज यानी सात अक्‍टूबर से होगी। सबसे पहले चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार का एलान किया जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 08:33 AM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 08:37 AM (IST)
आज से शुरू हो सकता है नोबल पुरस्‍कारों के एलानों का सिलसिला, इनके नामों की है चर्चा
आज से शुरू हो सकता है नोबल पुरस्‍कारों के एलानों का सिलसिला, इनके नामों की है चर्चा

स्टॉकहोम, एजेंसियां। यदि सब कुछ तय शेड्यूल के मुताबिक संपन्‍न हुआ तो इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा आज यानी सात अक्‍टूबर से शुरू हो जाएगी। सबसे पहले चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार का एलान किया जाएगा। आठ को भौतिकी, नौ को रसायन, दस को साहित्य और 11 को शांति के नोबल पुरस्कारों का एलान होगा। सबसे आखिर में 14 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्‍कार की घोषणा होगी। इस बारे में विजेताओं के नाम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा चर्चा शांति के नोबेल पुरस्कार को लेकर है।

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दरअसल, शांति और साहित्य के क्षेत्र में दिये जाने वाले नोबेल पुरस्कार के साथ विवादों का गहरा नाता रहा है वहीं विज्ञान के क्षेत्र में इस पुरस्कार को लेकर शायद ही कभी विवाद पैदा हुआ है। वर्ष 2018 और 2019 के लिये बृहस्पतिवार को घोषणा किये जाने वाले नोबेल साहित्य पुरस्कारों के लिए स्वीडिश एकेडमी में पुनगर्ठित पैनल को विजेताओं के बारे में बहस का सामना करना पड़ेगा।

गौरतलब है कि पिछले साल 'मी टू' प्रकरण को लेकर संस्था को यह पुरस्कार निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इस बीच, वर्ष 2019 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नाम की हिमायत की है। यही नहीं शांति के लिए नोबल पुरस्कार 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को भी दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। सट्टेबाज भी उन्हीं के नाम को सबसे ज्यादा भाव दे रहे हैं।

स्वीडिश एकेडमी के नए स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने कहा कि साहित्य और शांति पुरस्कार के क्षेत्र में विवाद एक स्वभाविक चीज है। साहित्य के बारे में हम अंतरराष्ट्रीय चर्चा में योगदान देना चाहते हैं..। एकेडमी की एक पूर्व सदस्य के फ्रांसीसी पति जीन क्लाउड अरनाउल्ट की संलिप्तता वाले यौन प्रकरण से 2017 और 2018 में संस्था की छवि को काफी नुकसान पहुंचा था। फ्रांसीसी फोटोग्राफर अरनॉल्ट के कथित यौन दुराचार को लेकर स्वीडिश एकेडमी आलोचनाओं के घेरे में थी। नवंबर 2017 में 18 महिलाओं ने 'मी टू' आंदोलन के माध्यम से अरनॉल्ट पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। 


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