भारत के साथ साझेदारी को महत्व देंगे बाइडन, ओबामा प्रशासन में रहीं वरिष्ठ अधिकारी एलिसा ने जताई उम्मीद
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन भारत और अमेरिका के बीच मधुर संबंधों के समर्थक रहे हैं। अमेरिका में बराक ओबामा के प्रशासन में वरिष्ठ अधिकारी रहीं एलिसा आयरस का मानना है कि बाइडन प्रशासन भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता देने की नीति को बरकरार रखेगा।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका में बराक ओबामा के प्रशासन में वरिष्ठ अधिकारी रहीं एलिसा आयरस ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन भारत-अमेरिका संबंध के समर्थक रहे हैं। उनका प्रशासन भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता देने की नीति को बरकरार रखेगा। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। दरअसल, बाइडन के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर भारत और अमेरिका के संबंधों पर भी चर्चा हो रही है कि नए प्रशासन में दोनों देशों का संबंध किस रूप में रहेगा।
उच्च प्राथमिकता सूची में रहेगा भारत
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया की फेलो एलिसा ने कहा, 'नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन की ओर से बताई गई प्राथमिकताओं के आधार पर मैं कह सकती हूं कि बाइडन-हैरिस प्रशासन भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा संबंधों को उच्च प्राथमिकता वाली सूची में रखेगा।' एलिसा वर्ष 2010 से 2013 तक दक्षिण एशिया के लिए उप सहायक विदेश मंत्री रहीं।
'आतंकवाद को लेकर दबाव बनाएगा बाइडन प्रशासन'
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने यह उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को लेकर बाइडन प्रशासन का रुख सख्त रहेगा। वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए इस्लामाबाद पर दबाव बनाएगा। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हक्कानी ने कहा कि हालांकि यह प्रशासन पाकिस्तान के साथ रणनीतिक वार्ता की प्रक्रिया को बहाल कर सकता है।
बाइडन के प्रचार में भारतवंशी युवक की रही अहम भूमिका
अमेरिका के न्यूजर्सी में भारतीय मूल के युवक अमित जानी ने बाइडन के प्रचार के लिए भारतवंशियों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई। 30 साल के अमित प्राइमरी चुनाव के दौरान बाइडन अभियान से जुड़े। उन्होंने बाइडन के प्रचार अभियान के लिए गठित नेशनल एशियन अमेरिकन एंड पैसिफिक आइलैंडर (एएपीआइ) के निदेशक के तौर पर काम किया।
अपने हितों को देखते हुए ही अमेरिका ने दिया है भारत का साथ
पूर्व कूटनीतिक जानकारों का भी मानना है कि जो बाइडन प्रशासन भारत के साथ रिश्तों को लेकर लिए गए ट्रंप कार्यकाल के फैसलों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा। इसकी ठोस वजह यह है कि अमेरिका ने पूरी तरह से अपने हितों को देखते हुए ही भारत के साथ रिश्तों को नई दिशा दी है। कुछ का मानना है कि ओबामा कार्यकाल में भारत-अमेरिकी द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर करने की रणनीति को फिर से दोनों नेता परवान चढ़ा सकते हैं।