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एमी कोनी बैरेट बनीं अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था नामित

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित एमी कोनी बैरेट अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज बन गई है। अमेरिकी सीनेट ने वोटिंग बाद उनकी जीत की पुष्टि करते हुए घोषणा की है। बता दें कि यूएस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए बेहद ही कम समय रह गया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:07 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:07 AM (IST)
एमी कोनी बैरेट बनीं अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था नामित
एमी कोनी बैरेट बनीं अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था नामित।

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने में बेहद ही कम समय रह गया है। चुनाव के एक सप्ताह पहले सोमवार को अमेरिकी सीनेट में सुप्रीम कोर्ट के नए जज के लिए वोटिंग हुई। इस वोटिंग में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा नामित एमी कोनी बैरेट ने जीत दर्ज की। अब वह अमेरिकी सुपीम कोर्ट की नई जज बन गई है। अमेरिकी सीनेट ने वोटिंग बाद उनकी जीत की पुष्टि करते हुए घोषणा कर दी है।

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सीनेट के अनुसार एमी कोनी के पक्ष में 52 और विरोध में 48 वोट पड़े। वहीं व्हाइट हाउस के ट्वीट में कहा गया है कि एमी कोनी बैरट अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की 115वीं एसोसिएट जस्टिस होंगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोनी बैरट शिकागो में स्थित 7वें यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स की एक न्यायाधीश हैं। बैरट को सप्रीम कोर्ट के जज के रुप में शपथ दिलाई गई। उन्होंने दिवंगत जस्टिस रूथ बेडर गिन्सबर्ग की जगह ली। व्हाइट हाउस की तरफ से बताया गया है कि सोमवार रात बैरेट को सम्मानित करने लिए एक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी भी की जा रही है। 

कौन है एमी

एमी को लेखक भी माना जाता है। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने अपने विचार रखे हैं। बैरेट को रूढ़िवादी विचारों के जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों का मानना है कि  एमी के सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्त होने से अमेरिका में गर्भपात कानून में बदलाव की मांग वाले आंदोलन पर बदलाव आ सकता है। वहीं बैरेट की आजीवन नियुक्ति से आने वाले दशकों के लिए नौ सदस्यीय अदालत में वैचारिक तौर पर रूढ़िवादी बहुमत को मजबूती मिलेगी। बता दें कि अमेरिका में जजों की नियुक्ति लाइफटाइम के लिए होती है और अन्य कोर्ट से अलग यहां के जजों का कोई रिटायरमेंट उम्र भी नहीं होता। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में नौ जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त यदि इनकी राय 4-4 में विभाजित हो जाती है, तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक साबित होता है। 


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