भारतीयों के बीच लोकप्रिय एच1बी वीजा की चयन प्रक्रिया हुई पूरी, एक अप्रैल से कर सकेंगे आवेदन
एच-1बी वीजा एक गैर अनिवासी वीजा है। यह किसी कर्मचारी को अमेरिका में छह साल काम करने के लिए जारी किया जाता है। अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को यह वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो।
वाशिंगटन, प्रेट्र। वित्त वर्ष 2022 के लिए अमेरिका ने एच1बी वीजा के लिए जितना कोटा निर्धारित किया था, उसके आवेदन मिल चुके हैं। अब अमेरिकी फेडरल एजेंसी यूएस सिटिजनशिप एंड एमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) आवेदन की स्क्रीनिंग कर रही है। यूएससीआइएस ने कहा कि जिन लोगों का चयन हो गया है वे एक अप्रैल 2021 से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। बता दें कि बाइडन प्रशासन ने फरवरी 2021 में ट्रंप प्रशासन की एच1बी पॉलिसी को कुछ और समय तक रोकने का एलान किया था ताकि इमिग्रेशन एजेंसी को पंजीकरण में बदलाव करने और उसे लागू करने के लिए समय मिल सके। सात जनवरी को यूएससीआइसी ने एच-1बी वीजा के लिए पारंपरिक लॉटरी सिस्टम को खत्म करने का एलान किया था। ट्रंप प्रशासन का नियम नौ मार्च से प्रभावी होने वाला था।
एच-1बी वीजा एक गैर अनिवासी वीजा है। यह किसी कर्मचारी को अमेरिका में छह साल काम करने के लिए जारी किया जाता है। अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को यह वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो। इस वीजा के लिए कुछ शर्तें भी हैं। जैसे इसे पाने वाले व्यक्ति को स्नातक होने के साथ किसी एक क्षेत्र में विशेष योग्यता हासिल होनी चाहिए। साथ ही इसे पाने वाले कर्मचारी की सैलरी कम से कम 60 हजार डॉलर यानी करीब 40 लाख रुपये सालाना होना जरूरी है। इस वीजा की एक खासियत भी है कि यह अन्य देशों के लोगों के लिए अमेरिका में बसने का रास्ता भी आसान करता है।
एच-1बी वीजा धारक पांच साल के बाद स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस वीजा की मांग इतनी ज्यादा है कि इसे हर साल लॉटरी के जरिये जारी किया जाता है। एच-1बी वीजा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा जैसी 50 से ज्यादा भारतीय आइटी कंपनियों के अलावा माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियां भी करती हैं। भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स के बीच एच1बी वीजा काफी प्रचलित है।