Move to Jagran APP

विज्ञानियों ने खोजी कोरोना से फेफड़े के बचाव की राह, इससे उपचार में मिल सकती है मदद

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर फेफड़ों की कोशिकाएं संक्रमित हैं तो प्रोटीन मोडिफिकेशन (फॉस्फोराइलेशन) का रास्ता बदल जाता है। अध्ययन के अनुसार प्रोटीन का फॉस्फोराइलेशन कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन के काम को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 04:21 PM (IST)
विज्ञानियों ने खोजी कोरोना से फेफड़े के बचाव की राह, इससे उपचार में मिल सकती है मदद
यह शोध जर्नल 'मॉलीक्यूलर सेल' में प्रकाशित हुआ है।

वाशिंगटन, प्रेट्र। विज्ञानियों ने कोरोना से संक्रमित फेफड़ों की कोशिकाओं के मॉलीक्यूलर रिस्पांस चेन का पता लगाया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इससे कोरोना के उपचार में मदद मिल सकती है। यह शोध जर्नल 'मॉलीक्यूलर सेल' में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के विश्लेषण के आधार पर अमेरिका स्थित बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (बीयूएसएम) के विज्ञानियों ने फेफड़ों की कोशिकाओं में मॉलीक्यूल्स के प्रोटीन और रास्ते की पहचान की, जिसका स्तर कोरोना से संक्रमित होने के बाद बदल जाता है।

loksabha election banner

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर फेफड़ों की कोशिकाएं संक्रमित हैं तो प्रोटीन मोडिफिकेशन (फॉस्फोराइलेशन) का रास्ता बदल जाता है। अध्ययन के अनुसार प्रोटीन का फॉस्फोराइलेशन कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन के काम को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

असामान्य परिवर्तन वायरस की संख्या को बढ़ाने में करते हैं मदद

शोध के दौरान यह भी देखा गया कि प्रोटीन की अधिकता और प्रोटीन फॉस्फोराइलेशन दोनों स्वस्थ कोशिकाओं के मामले में अत्यधिक नियंत्रित प्रक्रियाएं हैं, लेकिन कोशिकाओं के कोरोना से संक्रमित होने के बाद प्रोटीन की मात्रा और प्रोटीन फॉस्फोराइलेशन की आवृत्ति में असामान्य परिवर्तन होते हैं। यह असामान्य परिवर्तन वायरस की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं और अंतत: कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों को बड़ा नुकसान होता है।

शोध से पता चला कि संक्रमण के बाद वायरस तेजी से कोशिकाओं के मुख्य संसाधनों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। ये संसाधन कोशिकाओं के सामान्य विकास और कार्य के लिए आवश्यक होते हैं।

अध्ययन में विज्ञानियों ने कोरोना से संक्रमित होने के एक से 24 घंटे के अंदर कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों की जांच की। शोध के सह लेखक और बीयूएसएम से ताल्लुक रखने वाले प्रोफेसर डेरेल कोटोन ने कहा कि परिणामों से पता चला कि सामान्य और असंक्रमित फेफड़ों की कोशिकाओं की तुलना में कोरोना संक्रमित कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन और फॉस्फोराइलेशन में नाटकीय परिवर्तन दिखाई दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.