लड़कपन के अपराध के लिए सऊदी किशोर पर मृत्युदंड का खतरा
रीप्रिव संगठन से जुड़ी माया फोआ ने कहा कि मुर्तजा के लिए मौत की सजा का प्रस्ताव देकर सऊदी सरकार अपना असली चेहरा दिखा रही है।
वाशिंगटन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। सऊदी अरब के कातिफ प्रांत में रहने वाले 18 साल के मुर्तजा कुरैरिस को उस कथित अपराध के लिए मौत की सजा हो सकती है जो उसने दस साल की उम्र में किए थे। शिया समुदाय के मुर्तजा को 13 साल की उम्र में गिरफ्तार किया गया था। बीते चार साल से वह पुलिस हिरासत में है।
पिछले साल अगस्त में पहली बार उसे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने, हथियार रखने और आतंकी संगठन में शामिल होने के मामले में आरोपित कर ट्रायल के लिए कोर्ट में पेश किया गया था। अब उस पर मौत की सजा का खतरा मंडरा रहा है। द यूरोपियन सऊदी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स समेत कई मानवाधिकार संगठनों ने इस पर विरोध जताया है।
रीप्रिव संगठन से जुड़ी माया फोआ ने कहा कि मुर्तजा के लिए मौत की सजा का प्रस्ताव देकर सऊदी सरकार अपना असली चेहरा दिखा रही है। पश्चिम एशिया में एमनेस्टी इंटरनेशनल की निदेशक लिन मालॉफ ने कहा, 'अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों खासकर शिया समुदाय के लोगों को दबाने के लिए कट्टरपंथी सऊदी सरकार हमेशा से ही मौत की सजा को हथियार की तरह इस्तेमाल करती रही है। लेकिन बचपन में किए गए किसी अपराध के लिए मौत की सजा दिया जाना भयावह है।'
2018 में 139 लोगों को दिया गया था मृत्युदंड
सामान्य अपराधों में भी मौत की सजा देने के लिए सऊदी सरकार कई बार मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के निशाने पर रही है। इस साल अप्रैल में यहां एक साथ 37 लोगों को मौत की सजा दी गई थी जिसमें 33 शिया समुदाय के थे। पिछले साल 139 लोगों को मौत की सजा दी गई थी।
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