गोलीबारी से पहले सऊदी सैन्यकर्मी अल शमरानी ने अमेरिका के खिलाफ किया था ट्वीट
अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआइ की तहकीकात में पाया गया है कि अमेरिकी नौसेना ठिकाने पर गोलीबारी से पहले मुहम्मद अल शमरानी ने ट्विटर पर अमेरिका को मुस्लिम विरोधी बताया था।
वाशिंगटन, एपी। अमेरिकी नौसेना ठिकाने पर गोलीबारी से पहले मुहम्मद अल शमरानी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर अमेरिका को मुस्लिम विरोधी बताया था। अमेरिका में सैन्य प्रशिक्षण के लिए आए सऊदी अरब की वायुसेना के सेकेंड लेफ्टिनेंट शमरानी ने अमेरिका के प्रति नफरत पाल रखी थी। अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआइ की तहकीकात में यह बात सामने आई है कि 21 साल का शमरानी अमेरिका को मुसलमानों के खिलाफ समझता था, इसलिए वह बदले की फिराक में था। इस मामले की जांच आतंकवाद के नजरिए से भी की जा रही है।
एफबीआइ इस बात का पता लगा रही है कि गोलीबारी को अंजाम देने में शमरानी को किसी और ने मदद तो नहीं की थी। अभी तक की जांच में पता चला है कि हमले से कुछ दिन पहले शमरानी ने अपने कुछ दोस्तों के साथ नरसंहार का वीडियो देखा था और डिनर पार्टी की थी। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैटिंस ने इस हमले को आतंकी गतिविधि मानते हुए दूसरे देशों से प्रशिक्षण के लिए अमेरिका आए सैनिकों की जांच की मांग की है।
बता दें कि फ्लोरिडा के पेंसाकोला नौसेना अड्डे पर बीते शुक्रवार को शमरानी ने गोलीबारी कर तीन लोगों की जान ले ली थी। शमरानी को भी मौके पर ही मार गिराया गया था। अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआइ) ने हमलावर की पहचान कर ली थी। वारदात को अंजाम देने वाला 21 वर्षीय मुहम्मद अल शमरानी सऊदी अरब की वायुसेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट था। एफबीआइ के अनुसार, शमरानी पेंसाकोला स्थित नौसेना की एविएशन स्कूल कमान में प्रशिक्षण ले रहा था।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के सैनिक 1970 से ही पेंसाकोला में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। रक्षा मंत्रलय के प्रवक्ता क्रिस गार्वर ने बताया कि पेंटागन द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत फिलहाल 852 सऊदी सैनिक अमेरिका में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि अब ऐसा लगता है कि विदेशी सैनिकों के प्रशिक्षण लेने की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जानी चाहिए। हम इसे तुरंत शुरू करेंगे।