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अमेरिका ने किया मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, रूस ने जताई चिंता

अमेरिकी वायुसेना ने गुरुवार सुबह 830 बजे वांडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन से बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 05:16 PM (IST)
अमेरिका ने किया मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, रूस ने जताई चिंता
अमेरिका ने किया मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, रूस ने जताई चिंता

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी सेना ने जमीन से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। रूस के साथ आइएनएफ संधि के तहत इस तरह की मिसाइलों के परीक्षण पर रोक लगी थी। लेकिन हाल में दोनों देश इस संधि से अलग हो गए थे। इस परीक्षण पर रूस ने कहा है कि वह भविष्य में इससे सतर्क रहेगा।

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अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया कि वायुसेना ने गुरुवार सुबह 8:30 बजे वांडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन से बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, समुद्र में गिरने से पहले मिसाइल ने खुले आकाश में 500 किमी से अधिक की उड़ान भरी।

पेंटागन ने कहा है कि इस परीक्षण से प्राप्त डाटा का उपयोग भविष्य में होने वाले परीक्षणों में किया जाएगा। आइएनएफ (इंटरमीडियट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी) संधि से हटने के बाद अमेरिका द्वारा किया गया यह दूसरा मिसाइल परीक्षण है। अमेरिकी सेना ने इससे पहले गत अगस्त में नौसेना के लिए टॉमहॉक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया था।

क्या है आइएनएफ संधि

शीत युद्ध के दौरान तत्कालीन सोवियत संघ ने यूरोपीय देशों को निशाना बनाने के मकसद से अपने सीमावर्ती इलाकों में सैकड़ों मिसाइलें तैनात कर दी थीं। मध्यम दूरी की ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थीं। वर्ष 1987 में शीत युद्ध की स्थिति को खत्म करने के लिए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और अंतिम सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचोव ने एक संधि की थी। इसे ही आइएनएफ संधि नाम दिया गया। इस संधि के तहत परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम जमीन से 500 से 5500 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइलों के निर्माण पर रोक थी। इस संधि से पश्चिमी देशों पर सोवियत संघ के परमाणु हमले का खतरा खत्म हो गया था। लेकिन इस साल अगस्त में अमेरिका और रूस एक-दूसरे पर संधि के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इससे अलग हो गए थे।


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