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बयान से पलटे ट्रंप ने कहा, जलवायु परिवर्तन अफवाह नहीं

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माना कि जलवायु परिवर्तन अफवाह नहीं है, लेकिन कहा कि यह मानवजनित और स्थायी प्रभाव नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 06:00 PM (IST)
बयान से पलटे ट्रंप ने कहा, जलवायु परिवर्तन अफवाह नहीं
बयान से पलटे ट्रंप ने कहा, जलवायु परिवर्तन अफवाह नहीं

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन पर अपने पूर्व के बयान से पलट गए। उन्होंने माना कि जलवायु परिवर्तन अफवाह नहीं है, लेकिन कहा कि यह मानवजनित और स्थायी प्रभाव नहीं है। इसलिए जलवायु में फिर बदलाव होगा। उन्होंने पूर्व में दावा किया था कि जलवायु परिवर्तन अफवाह है।

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ट्रंप ने सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में वैज्ञानिकों पर आरोप लगाया कि उनके पास बड़ा राजनीतिक एजेंडा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वह नहीं चाहते कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करते हुए अमेरिका को नुकसान में डाला जाए। बता दें कि अमेरिका ग्रीन हाउस गैसों का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है।

अमेरिकी राष्ट्रपति से जब यह पूछा गया कि क्या वह अब भी जलवायु परिवर्तन को अफवाह मानते हैं तो उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कुछ हो रहा है। कुछ बदल रहा है, लेकिन इसमें दोबारा बदलाव आएगा। मुझे नहीं लगता कि यह अफवाह है। मेरे खयाल से संभवत: कुछ फर्क होगा। लेकिन मैं यह नहीं जानता हूं कि यह मानवजनित है।'

एक दूसरे सवाल पर ट्रंप ने कहा, 'इसके नाम पर मैं हजारों-हजार करोड़ डॉलर नहीं देना चाहता हूं। मैं लाखों नौकरियों को गंवा नहीं सकता हूं। मैं अमेरिका को नुकसान में डाल नहीं सकता।'

पेरिस समझौते से हटने का किया था एलान 
ट्रंप ने पिछले साल जून में ऐतिहासिक पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने का एलान करते हुए जलवायु परिवर्तन को अफवाह करार दिया था। उन्होंने दावा किया था कि 190 से ज्यादा देशों के बीच हुए पेरिस समझौते में भारत और चीन जैसे देशों को अनुचित तरीके से लाभ दिया गया है। जबकि अमेरिकी अर्थव्यस्था और नौकरियों को इससे खतरा है।

2015 में हुआ था पेरिस समझौता 
पेरिस समझौते के तहत कार्बन डाइआक्साइड के उत्सर्जन को नियंत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें ग्लोबल वार्मिग को दो डिग्री सेल्सियस के नीचे रखने की बात भी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रयासों से 12 दिसंबर, 2015 को पेरिस में 190 देशों ने ऐतिहासिक जलवायु समझौते पर दस्तखत किए थे।


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