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पसंदीदा संगीत सुनने से बढ़ती है याददाश्त, डिमेंशिया के इलाज में मिलेगी मदद, वैज्ञानिकों का दावा

वैज्ञानिकों ने एक न्यूरोसाइकोलाजिक टेस्ट के दौरान पाया कि दिमाग के तंत्रिका तंत्र में बदलाव स्मरण शक्ति के बेहतर प्रदर्शन के साथ जुड़ा है। बार-बार पसंदीदा संगीत सुनने से कमजोर स्मरण शक्ति या अल्जाइमर के मरीजों की दिमागी क्षमता में इजाफा होता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:32 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 05:04 PM (IST)
पसंदीदा संगीत सुनने से बढ़ती है याददाश्त, डिमेंशिया के इलाज में मिलेगी मदद, वैज्ञानिकों का दावा
पसंदीदा संगीत सुनने से कमजोर स्मरण शक्ति या अल्जाइमर के मरीजों की दिमागी क्षमता में इजाफा होता है।

ओटावा, एएनआइ। यूनिवर्सिटी आफ टोरंटो और यूनिटी हेल्थ टोरंटो के एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि बार-बार पसंदीदा संगीत सुनने से कमजोर स्मरण शक्ति या अल्जाइमर के मरीजों की दिमागी क्षमता में इजाफा होता है। न्यूरोसाइकोलाजिक टेस्ट के दौरान पाया गया कि दिमाग के तंत्रिका तंत्र में बदलाव स्मरण शक्ति के बेहतर प्रदर्शन के साथ जुड़ा है। यह परिणाम डिमेंशिया के मरीजों के इलाज में संगीत के उपयोग का मार्ग प्रशस्त करता है। इस मल्टी-माडल अध्ययन का प्रकाशन जर्नल आफ अल्जाइमर्स डिजीज में हुआ है।

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अध्ययन के वरिष्ठ लेखक व यूनिवर्सिटी आफ टोरंटो के फैकल्टी आफ म्यूजिक एंड टेमेर्टी फैकल्टी आफ मेडिसिन में प्रोफेसर माइकल थाट के अनुसार, 'हमारे पास दिमाग आधारित नए साक्ष्य हैं जो यह साबित करते हैं कि जीवन में खास महत्व रखने वाले संगीत को बार-बार सुनने से तंत्रिकाएं उत्तेजित होती हैं और इससे कामकाज के उच्च स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है। अल्जाइमर के मरीजों के दिमाग में आमतौर पर सकारात्मक बदलाव कठिन होता है।

शोध के प्रारंभिक परिणाम बताते हैं कि पसंदीदा संगीत सुनने से दिमाग की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। यह डिमेंशिया के मरीजों के इलाज में संगीत के उपयोग पर व्यापक शोध की संभावनाओं को भी जन्म देता है।' शोध में कुल 14 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिनमें से आठ सामान्य लोग और छह संगीतकार थे। तीन हफ्ते के अध्ययन से पहले और बाद में उनकी एमआरआइ कराई गई, जिसके परिणाम ने शोधकर्ताओं को चौंका दिया।

सेंट माइकल हॉस्पिटल ऑफ यूनिटी हेल्थ टोरंटो में जेरियाट्रिक साइकियाट्री के निदेशक और अध्‍ययन के मुख्‍य लेखक डा. कोरिन फिशर का कहना है कि शुरुआती चरण में संज्ञानात्मक गिरावट वाले लोगों के उपचार के लिए संगीत आधारित प्रयोग एक सुलभ तरीका हो सकता है। अल्जाइमर के मौजूदा उपचारों ने अब तक सीमित लाभ प्रदर्शित किया है। ऐसे में हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि संगीत सुनना मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव डाल सकता है। संगीत आपकी याददाश्‍त पर अनुकूल प्रभाव डाल सकता है।


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