अफगानिस्तान के कीमती खनिजों पर चीन की नजर, रिपब्लिकन सीनेटर ने खोली ड्रैगन की पोल, काबुल एयरपोर्ट पर मारे गए थे 40 लोग
एक अमेरिकी सिनेटर ने तालिबान और चीन के संबंधों की पोल खोलकर रख दी है। रिपब्लिकन सीनेटर माइकल मैककाल का कहना है कि चीन अब अफगानिस्तान के कीमती खनिजों पर अपनी नजर लगाए हुए है। पढ़ें यह रिपोर्ट....
काबुल/वाशिंगटन, एजेंसियां। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अफरातफरी की स्थिति के बीच दुनिया के तमाम मुल्क अपने नागरिकों और सहयोगियों को निकालने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। इस बीच तालिबान इस बात के लिए राजी हो गया है कि वह काबुल एयरपोर्ट से अफगान सहयोगियों को ले जाने के अभियान में बाधा नहीं बनेगा। वहीं एक अमेरिकी सिनेटर ने तालिबान और चीन के संबंधों की पोल खोलकर रख दी है। रिपब्लिकन सीनेटर माइकल मैककाल का कहना है कि चीन अब अफगानिस्तान के कीमती खनिजों पर अपनी नजर लगाए हुए है।
अफगानिस्तान के कीमती खनिजों पर नजर है चीन की
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार अमेरिका में सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर माइकल मैककाल ने कहा कि चीन अब अफगानिस्तान के कीमती खनिजों पर अपनी नजर लगाए हुए है। चीन यहां से इन खनिजों का दोहन करने के बारे में विचार कर रहा है। वर्तमान स्थिति में चीन विजयी और अमेरिका अपने को हारा हुआ महसूस कर रहा है।
नागरिकों की निकासी पर राजी
वहीं अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा है कि तालिबान ने अमेरिका व सहयोगी देशों के द्वारा ले जाए जा रहे लोगों को सुरक्षित रास्ता देने पर अपनी सहमति दे दी है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि यहां से जाने वालों को रोका गया, यहां तक कि उनको पीटे जाने की जानकारी आई हैं। अब तालिबान लोगों की निकासी में कितना समय देगा, इसके लिए बात की जा रही है।
अमेरिका ने चेताया
इस बीच जनरल केनेथ मैंकेंजी ने दोहा में तालिबान नेताओं के साथ सुरक्षित रास्ते के संबंध में विस्तृत वार्ता की है। मैकेंजी ने कहा कि तालिबान को साफतौर पर चेतावनी दे दी गई है कि वह हमारे निकासी के काम में बाधा डालने का प्रयास न करे। इस कार्य में कोई भी बाधा या हमला अमेरिकी सेना पर सीधा हमला माना जाएगा।
दो हजार अफगान सहयोगियों को निकाला गया
प्रेट्र के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को 1100 लोगों को काबुल से बाहर निकाला गया। अब तक 3200 लोगों की निकासी की गई है। इनमें 1100 अमेरिकी नागरिक या स्थायी निवासी हैं।आस्ट्रेलिया ने 26 लोगों को काबुल से निकाला है। इसमें कुछ अफगान सहयोगी भी हैं।
शरणार्थी समस्या पर यूएन एजेंसी चिंतित
एएनआइ के अनुसार संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की शरणार्थियों की समस्या देखने वाली एजेंसी ने अफगानिस्तान के वर्तमान हालात पर चिंता जताई है। एजेंसी ने कहा है कि हालिया संघर्ष में अब तक चार लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। अफगानिस्तान में इससे पहले 50 लाख लोग पहले से ही विस्थापित होकर विभिन्न देशों में शरणार्थी बने हुए हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग में 40 लोग मरे
आइएएनएस के अनुसार, सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ और अफरातफरी के माहौल में गोलीबारी से चालीस से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस बात की जानकारी एक तालिबान कमांडर ने ही दी है। उसने बताया कि विदेश जाने की अफवाह उड़ने के बाद वहां लोगों की भीड़ आ गई थी।
तालिबान ने शिया हजारा नेता मजारी की मूर्ति को तोड़ा
एएनआइ के अनुसार, तालिबान बेशक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता पाने के लिए कुछ भी बोलता रहे, उसकी कारगुजारियां पहले की ही तरह हैं। काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने बामयान प्रांत में शिया हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति को तोड़ दिया। उसने अपने पिछले कार्यकाल में यहां बुद्ध की प्रतिमा को तोड़ डाला था। मजारी हजारा समुदाय के नेता थे, जिनकी तालिबान ने 1995 में अपहरण कर हत्या कर दी थी । हजारा समुदाय हमेशा से तालिबान के निशाने पर रहा है।
जहाज पर लटककर मरने की घटना में जांच
रायटर के अनुसार, काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी और जबर्दस्त भीड़ के बीच अमेरिका के सी-17 जहाज के उड़ने के दौरान दो लोगों की मौत की जांच की जा रही है। ये दोनों अफगान नागरिक चलते जहाज पर लटक गए थे और आसमान से नीचे गिरे थे। इस घटना का वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है। अमेरिकी वायु सेना ने बताया कि जहाज के पहियों पर खून के निशान मिले हैं। इससे लगता है कि कुछ लोगों की मौत कुचलकर भी हुई है। बहरहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
ब्रिटेन 20 हजार अफगान सहयोगियों को देगा शरण
एएनआइ के अनुसार, ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीती पटेल ने कहा है कि उनका देश बीस हजार अफगान सहयोगियों को शरण देगा। इसमें महिलाओं और लड़कियों को वरीयता दी जाएगी। ब्रिटेन जून में दो हजार ऐसे अफगान सहयोगियों को शरण दे चुका है, जिन्होंने सेना की मदद की थी।