इंटरनेट की अच्छी समझ न रखने वाले ही बनते हैं हैकर्स के आसान शिकार, जानें कैसे
वैज्ञानिकों ने कुछ लोगों के व्यक्तित्व के लक्षणों और व्यवहारों की जांच की और उस आधार पर पता लगाया कि कैसे लोग मॉलवेयर हमलों का शिकार हो जाते हैं।
वाशिंगटन। इंटरनेट गतिविधियों पर पूरी तरह से आत्मनियंत्रण न रखने वाले लोग आसानी से साइबर हमलों का शिकार हो जाते हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। उनका कहना है कि वे लोग जो ऑनलाइन शॉपिंग, म्यूजिक डाउनलोड जैसे काम करते समय पूरी तरह ध्यान नहीं देते और इन गतिविधियों से पूरी तरह से परिचित नहीं होते, उन्हें हैकर्स आसानी से शिकार बना लेते हैं।
अमेरिका स्थित मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कुछ लोगों के व्यक्तित्व के लक्षणों और व्यवहारों की जांच की और उस आधार पर पता लगाया कि कैसे लोग मॉलवेयर हमलों का शिकार हो जाते हैं। इस शोध के प्रमुख लेखक टॉमस होल्ट कहते हैं, अध्ययन के दौरान जिन लोगों में आत्मनियंत्रण की कमी देखी गई थी उनके मॉलवेयर शिकार होने की आंशका अधिक पाई गई।
ऑनलाइन की दुनिया में कौन हैकर्स का शिकार होगा यह उसके व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है जो बताता है कि हैकर्स किसे आसानी से शिकार बना सकते हैं। वे लोग जो इंटरनेट पर पूरी पकड़ नहीं रखते हैं और उन गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं, जिनसे पूरी तरह परिचित नहीं होते, उन्हें आसानी से शिकार बनाया जाता है।
आज लोग इंटरनेट की दुनिया से इतने आकर्षित हैं कि किसी भी नई वेबसाइट पर अकाउंट बनाने या उसमें शामिल होने से पहले नियम या शर्तें नहीं पढ़ते हैं। साथ ही वे इसका भी ध्यान नहीं देते कि जिस साइट पर वे जा रहे हैं वो कितनी सुरक्षित है। यही वजह है कि दुनियाभर में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस तरह लगाया पता
शोधकर्ताओं ने विशेष सर्वेक्षण के आधार पर इसका पता लगाया कि कौन से लोग हैकर्स के निशाने पर आसानी से आ जाते हैं। उन्होंने करीब छह हजार प्रतिभागियों को सर्वेक्षण में शामिल किया। इस दौरान उनसे उनकी कंप्यूटर और इंटरनेट की समझ को लेकर सवाल किए गए और व्यक्तित्व के लक्षणों व व्यवहार का पता लगाया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि हैकर्स अक्सर ऐसी साइट्स पर आने वाले लोगों को शिकार बनाते हैं, जिनकी सुरक्षा बेहद कम होती है और उस पर लोग क्रेडिट, डेबिट आदि कार्ड का प्रयोग करते हैं। ऐसे में उन्हें आसानी से शिकार बनाकर उनकी धनराशि व डाटा उड़ा लिया जाता है।