अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, बाइडन के कार्यकाल में भारत के साथ रिश्तों में आई तेजी
नेड प्राइस ने कहा क्वाड के जरिये मंत्रियों के स्तर पर और नेतृत्व के स्तर पर भारत के साथ हमारा संपर्क बना हुआ है। रक्षा मंत्री लायड आस्टिन भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर बातचीत करने के लिए भारत का दौरा कर चुके हैं।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका ने कहा है कि जो बाइडन प्रशासन के शुरुआती 100 दिनों के कार्यकाल में भारत से उसके रिश्तों में तेजी आई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि इस अवधि के दौरान दोनों देशों के संबंधों में वैश्विक साझेदारी परिलक्षित हुई है और भारत पर अमेरिका का विशेष ध्यान रहा है।
दैनिक संवाददाता सम्मेलन में प्राइस ने कहा कि पिछले 100 दिनों में हमारा फोकस भारत पर रहा है। राष्ट्रपति बाइडन ने भी पिछली रात के अपने संबोधन में भारत का जिक्र किया है। मुझे लगता है कि आप देख सकते हैं कि हमारे बीच संबंध कितने प्रगाढ़ हुए हैं। बाइडन ने खुद हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की है। इसके अलावा विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन अपने भारतीय समकक्ष से कई बार बातचीत कर चुके हैं। ज्यादा दिन नहीं हुए जब जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रपति के विशेष दूत जान कैरी भारत की यात्रा पर थे। रक्षा मंत्री लायड आस्टिन भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर बातचीत करने के लिए भारत का दौरा कर चुके हैं। प्राइस ने कहा, क्वाड के जरिये, मंत्रियों के स्तर पर और नेतृत्व के स्तर पर भारत के साथ हमारा संपर्क बना हुआ है।
संधु ने अमेरिका के कारोबारी समुदाय से की बात
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधु ने भारत में कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति को लेकर अमेरिका के कारोबारी समुदाय से बातचीत की है। इस वर्चुअल बैठक का आयोजन यूएस चैंबर आफ कामर्स की ओर से किया गया था। संधु ने ट्वीट कर भारत की मदद के लिए तेजी से कदम उठाने पर अमेरिकी व्यवसायियों को धन्यवाद दिया। इसके अलावा भारतीय राजदूत ने फाइजर के सीईओ अलबर्ट बोरिया से भी मुलाकात की है। दोनों अधिकारियों ने इस बात पर चर्चा की कि दवा निर्माता कंपनी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किस तरह भारत की मदद कर सकती है। फाइजर ने कोराना का टीका भी बनाया है। माडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक के टीके उन शुरुआती दो टीकों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिका में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। अब तक लाखों अमेरिकियों को ये टीके लगाए जा चुके हैं।
10 लाख डालर की मदद देंगे जान चैंबर्स
अमेरिका के शीर्ष कारोबारी और सिस्को के पूर्व सीईओ जान चैंबर्स ने भारत को आक्सीजन यूनिट भेजने के लिए 10 लाख डालर (लगभग 7.40 करोड़ रुपये) की मदद देने की घोषणा की है। चैंबर्स भारत-अमेरिका रणनीतिक और साझेदारी फोरम के चेयरमैन हैं। यह कोरोना से लड़ रहे भारत के लिए किसी अमेरिकी द्वारा दिया गया सबसे बड़ा दान है। चैंबर्स ने एक ट्वीट में कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से 10 लाख डालर दे रहा हूं। उन्होंने अन्य लोगों से भी मदद के लिए आगे आने की अपील की है।
आक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने के लिए काम कर रहा बाइडन प्रशासन
भारत में कोरोना महामारी से निपटने के लिए बाइडन प्रशासन आक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने पर काम कर रहा है। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआइडी) के वरिष्ठ सलाहकार जेरेमी कोनिंडिक ने कहा कि भारत में पीडि़तों की संख्या बहुत ज्यादा है और यह लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत को समर्थन और आक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है।
सेवा इंटरनेशनल ने भेजा 2,184 आक्सीजन कंसंट्रेटर
ह्यूस्टन स्थित गैर सरकारी संगठन सेवा इंटरनेशनल ने भारत की मदद के लिए 80 लाख डालर (लगभग 59.25 करोड़ रुपये) का फंड जुटाया है और इसने 2,184 आक्सीजन कंसंट्रेटर की पहली खेप अटलांटा से रवाना कर दी है। सेवा ने कहा कि कि यूनाइटेड पार्सल सर्विस फाउंडेशन का विमान नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। फाउंडेशन मुफ्त में आक्सीजन का परिवहन कर रहा है।