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यूएन मुख्यालय के बाहर महिलाओं का प्रदर्शन, अफगान महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ उठाई आवाज

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त के साथ बैठक में महिला राजनेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को अपने अधिकारों को बरकरार रखना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन लोगों की स्थिति और अधिकारों पर ध्यान देने का भी आग्रह किया जो वर्तमान में अफगानिस्तान में सबसे कमजोर लोगों में हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 09:39 AM (IST)
यूएन मुख्यालय के बाहर महिलाओं का प्रदर्शन, अफगान महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ उठाई आवाज
संयुक्त राष्ट्र से तालिबान द्वारा महिलाओं पर लगाई गईं पाबंदियों पर ध्यान देने का आग्रह किया

न्यूयार्क, एएनआइ। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ सैकड़ों महिलाओं ने रविवार (स्थानीय समय) को न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंंने कहा कि अफगान के लोगों और विशेषकर महिलाओं पर लगीं पाबंदियों पर यूएन को ध्यान देने की जरूरत है।

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विरोध प्रदर्शन में शामिल अमेरिका में रहने वाली एक अफगान महिला फातिमा रहमती ने कहा, 'महिलाएं आधी दुनिया बनाती हैं। इसलिए, जब आप उन्हें काम नहीं करने देते हैं, तो इसके परिणाम भयानक होते हैं।'

इटली में रहने वाली एक और अफगानी महिला सेमोना लैंजोनी ने कहा, 'सभी अफगान महिलाओं के लिए मेरा संदेश है कि हम कभी उम्मीद ना खोंए। हम लड़ेंगे और हम अपने अधिकार लेकर रहेंगे।' टोलो न्यूज के मुताबिक, एक अन्य महिला शकीला मुजादादी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को उन पाबंदियों की तरफ ध्यान देना चाहिए जो तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों, विशेषकर महिलाओं पर लगाई हैं।

अफगानिस्तान में विभिन्न कार्यकर्ताओं और महिला अधिकार रक्षकों ने बताया कि वे अपनी गतिविधियों को जारी रखने में असमर्थ हैं। पिछले 20 सालों से अफगानिस्तान में एक महिला अधिकार कार्यकर्ता के रूप में काम कर चुकीं रोया अफगानयार ने कहा कि गनी सरकार के पतन के बाद, वह अपनी गतिविधि जारी नहीं रख पा रही हैं।

उन्होंने कहा, 'महिलाएं बहुत खराब परिस्थितियों में रह रही हैं। उन्होंने शिक्षा और काम करने का अधिकार खो दिया है। खुद को अफगानिस्तान की सरकार कहने वाली इस सरकार को हमारे अधिकार देने चाहिए।' टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में स्लोवाकिया की राष्ट्रपति जुजाना कैपुटोवा और आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडाटिर द्वारा दिए गए बयान में महिला नेताओं ने कहा, 'हम घटनाक्रम पर बारीकी से ध्यान दे रहे हैं और अफगान महिलाओं एवं लड़कियों की आवाज सुनना जारी रखेंगे।'

उन्होंने आगे कहा, 'हम विशेष रूप से अफगानिस्तान के अधिकारियों से महिलाओं और लड़कियों के प्रति हर प्रकार की हिंसा को रोकने का आह्वान करते हैं।' संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के साथ एक बैठक में महिला राजनेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को अपने अधिकारों को बरकरार रखना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन लोगों की स्थिति और अधिकारों पर ध्यान देने का भी आग्रह किया जो वर्तमान में अफगानिस्तान में सबसे कमजोर लोगों में से हैं।


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