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हथियारों की रेस है लोकतंत्र की सुरक्षा करना, मदद के लिए प्रयासरत फेसबुक: जुकरबर्ग

फेक न्यूज और अफवाहों को फैलाने पर जुकरबर्ग ने कहा, ‘हम 2016 के बाद से सरकार, टेक कंपनियों और एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर फेसबुक का दुरुपयोग रोकने में जुटे हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 04:39 PM (IST)
हथियारों की रेस है लोकतंत्र की सुरक्षा करना, मदद के लिए प्रयासरत फेसबुक: जुकरबर्ग
हथियारों की रेस है लोकतंत्र की सुरक्षा करना, मदद के लिए प्रयासरत फेसबुक: जुकरबर्ग

वाशिंगटन (एजेंसी)। फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकबर्ग ने लोकतंत्र को बचाने के लिए सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म फेसबुक की भूमिका को सशक्‍त बनाने के साथ इसके महत्‍व पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि दुनिया के विभिन्‍न देशों और संस्‍कृति को जोड़ने वाले सर्विस का निर्माण करते हैं तब आप उन सभी अच्‍छाइयों को देखते हैं जो मानवता को आगे बढ़ाती है लेकिन यहां ठीक विपरीत सोच वाले लोग भी मिलेंगे जो ऐसे सर्विस को धत्‍ता बताने की हर संभव कोशिश करते हैं। फेसबुक के जरिए हमारी जिम्‍मेदारी अच्‍छाई को बढ़ावा देना और बुराई को कम करना है।

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फेसबुक के जरिए प्रभावित नहीं हो सकेगा चुनाव

जुकरबर्ग ने कहा कि चुनाव के मामले में यह विशेषकर सच है। स्‍वच्‍छ व स्‍पष्‍ट चुनाव हर लोकतंत्र की नींव है। हाल ही में हमने ब्राजील के राष्ट्रपति चुनाव से पहले गलत जानकारियां फैलाने वाले अकाउंट्स के एक नेटवर्क को खत्म किया।’ 2016 चुनावों के दौरान हमें साइबर हमलों का सामना करना पड़ा। लेकिन चुनावी कैंपेन को प्रभावित कर अमेरिकी लोकतंत्र में बाहरी हस्‍तक्षेपों की कोशिशों को हम पहचान नहीं पाए। तब से हम अपने सुरक्षा घेरे को संशोधित करने में जुटे हैं और चुनाव में किसी के हस्‍तक्षेप को रोकने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।

जुकरबर्ग ने बताया, ‘पिछले कुछ समय में हमने फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी और इटली के चुनावों को बाहरी हस्तक्षेप से बचाने के लिए काम किया। हम अभी भी तकनीक में जरूरी निवेश कर रहे हैं, ताकि किसी भी खतरे से निपटा जा सके। जर्मनी में हमने सरकार के साथ मिलकर काम किया।‘

फेक अकाउंट की हो रही पहचान

हमारी मुख्‍य कोशिश फेक अकाउंट का पता कर उसे हटाना है जो गलत खबरों और अफवाहों का प्रसार करता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ हम हजारों फेक अकाउंट हर दिन ब्‍लॉक कर रहे हैं। अब हम इंतजार नहीं करते कि कोई हमें फेक न्यूज या अजीब गतिविधियों के बारे में जानकारी देगा। खुद ही नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री पर नजर रखते हैं और उन्हें डिलीट कर देते हैं।

हथियारों की रेस है लोकतंत्र की सुरक्षा करना

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक और अन्य फर्मों को वित्त पोषित प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ रहा है जो समय के साथ बेहतर हो रहे हैं। जुकरबर्ग ने कहा कि, अब लोकतंत्र को बचाना हथियारों की दौड़ में शामिल होने जैसा है। इसी साल कुछ रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ था कि फेसबुक के जरिए हैकर्स ने अमेरिकी चुनावों को प्रभावित किया। इसके लिए जुकरबर्ग को अमेरिकी संसद के सवालों का सामना करना पड़ा था। 


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