भारत-अमेरिका में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने को सीनेट में प्रस्ताव, फोरम स्थापित किए जाने की हुई बात
डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद रॉबर्ट मेनेंडेज ने भारत के साथ स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु सहयोग प्राथमिकता बिल पेश किया है। दोनों देशों में सहयोग के लिए यूएस-इंडिया क्लीन एनर्जी एंड पावर ट्रांसमिशन पार्टनरशिप (CEPTP) नाम से मुख्य फोरम बनाने की मांग की गई है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत के साथ स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया गया है। इसमें दोनों देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के लिए एक फोरम स्थापित किए जाने की बात की गई है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद रॉबर्ट मेनेंडेज ने भारत के साथ स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु सहयोग प्राथमिकता बिल पेश किया है। दोनों देशों में सहयोग के लिए यूएस-इंडिया क्लीन एनर्जी एंड पावर ट्रांसमिशन पार्टनरशिप (CEPTP) नाम से मुख्य फोरम बनाने की मांग की गई है। सीईपीटीपी के तहत स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी की दिशा में संयुक्त अनुसंधान और विकास जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है।
एक बयान में कहा गया है कि यह बिल जलवायु मसले पर भी भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। मेनेंडेज ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन के साझे खतरे और बिजली के लिए भारत में बढ़ती आवश्यकता के मद्देनजर दोनों देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को मजबूत किए जाने की जरूरत है। इसी मकसद के साथ मैं यह बिल पेश कर रहा हूं।'
यूएस सीनेट ने फंडिंग से जुड़ा बिल ट्रंप को भेजा
वहीं, दूसरी ओर बुधवार को सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 11 दिसंबर तक की फंडिंग से जुड़ा एक बिल भेजा है। सीनेट ने नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पहले सरकार गिरने की संभावना को ध्यान में रखते हुए ट्रंप को यह बिल भेजा है। इस बिल की आवश्यकता इसलिए जताई गई है क्योंकि जीओपी-नियंत्रित सीनेट ने 12 एनुअल स्पेंडिंग बिलों में से किसी पर भी काम नहीं किया है जो सरकार के बजट का 30 फीसद हिस्सा है और प्रत्येक वर्ष यह सरकार द्वारा पारित किया जाता है। यह बिल पिछले हफ्ते सीनेट में पास किया गया था।
गौरतलब है कि इस साल 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं और इस बार डेमोक्रेटिक नेता जो बिडेन मैदान में हैं। यदि बिडेन राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो संभावना है कि सरकार नए स्टॉपगैप फंडिंग के तहत अगले साल फंड देगी और अगला प्रशासन और सरकार बचे हुए कारोबार से निपटेंगे।